पूर्व मुख्य सचिव सुजाता सौनिक को बॉम्बे हाई कोर्ट से राहत मिली

vikram singh Bhati

बॉम्बे हाईकोर्ट ने महाराष्ट्र की पूर्व मुख्य सचिव सुजाता सौनिक के खिलाफ जारी बेलेबल वारंट पर रोक लगा दी है। कोर्ट ने उनकी बिना शर्त माफी स्वीकार कर ली और इस महीने के अंत में पेश होने का आश्वासन मिलने पर यह राहत दी। यह मामला शिक्षकों को पुरस्कार प्राप्त करने पर दोहरे इंक्रीमेंट देने के फैसले को लागू न करने से जुड़े अवमानना याचिकाओं से संबंधित है। दो शिक्षकों राम अर्जुनराव शेटे और अनिल वसंतराव पालांडे सहित कई शिक्षकों ने 2022 में अवमानना याचिका दायर की थी। उस समय सौनिक सामान्य प्रशासन विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव थीं।

कोर्ट ने कहा कि कई मौके देने के बावजूद उन्होंने आदेशों का पालन नहीं किया और उचित जवाब नहीं दिया, जिसके चलते 15 अक्टूबर 2025 को वारंट जारी हुआ था। वारंट वापस लेने की मांग सौनिक की वकील मनीषा जगताप ने की और बिना शर्त माफी पेश की। उन्होंने बताया कि स्थानांतरण और रिटायरमेंट के बाद सौनिक को गलतफहमी हो गई थी कि उन्हें मामले में शामिल होने की जरूरत नहीं। फरवरी 2014 में ही उन्होंने हलफनामा देकर पद से हटने की सूचना दी थी और उनकी उत्तराधिकारी वी राधा ने भी 2015 में माफी मांगी थी।

अदालत ने क्या कहा जस्टिस रवींद्र वी घुगे और अश्विन डी भोबे की खंडपीठ ने स्पष्टीकरण और 26 नवंबर 2025 को पेश होने के आश्वासन पर वारंट स्थगित कर दिया। 1987 बैच की आईएएस अधिकारी सौनिक 30 जून 2024 को महाराष्ट्र की पहली महिला मुख्य सचिव बनी थीं और सुनवाई के दौरान कोर्ट में मौजूद रहीं। मामला अब आगे की कार्यवाही के लिए इस महीने बाद में सूचीबद्ध होगा।

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Vikram Singh Bhati is author of Niharika Times web portal