मुंबई-अहमदाबाद बुलेट ट्रेन परियोजना में समुद्र के अंदर टनल का निर्माण पूरा

Sabal SIngh Bhati
By Sabal SIngh Bhati - Editor

मुंबई। मुम्बई-अहमदाबाद बुलेट ट्रेन परियोजना के अंतर्गत समुद्र के अंदर से गुजरने वाली 21 किलोमीटर टनल का मुम्बई में घनसोली और शिलफाटा के बीच का करीब पांच किलोमीटर का निर्माण पूरा कर लिया गया है। रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने इस टनल का जायजा भी लिया। वैष्णव ने इस मौके पर संवाददाताओं से कहा कि इस परियोजना के तहत मुम्बई-ठाणे के बीच करीब 21 किलोमीटर टनल समुद्र के अंदर से गुजरेगी, जिसमें से 4.881 किलोमीटर की टनल का काम आज पूरा कर लिया गया है। उन्होंने कहा कि यह बहुत जटिल कार्य है, जिसे सफलतापूर्वक पूरा किया जा रहा है।

भारत में पहली बार समुद्र के अंदर से टनल बनाई जा रही है। यह रेलवे की बड़ी महत्वपूर्ण उपलब्धि है। रेल मंत्री ने कहा कि मुम्बई-अहमदाबाद बुलेट ट्रेन परियोजना का कार्य तेजी से चल रहा है। करीब 300 किलोमीटर लाइन के कार्य तेजी से पूरे किए जा रहे हैं। ट्रैक लिंक, स्टेशन आदि के निर्माण का काम तेजी से चल रहा है। वैष्णव ने कहा कि हाल ही में जापान की टीम इस परियोजना की समीक्षा के लिए आई थी, जिसने इसकी प्रगति पर संतोष व्यक्त किया है।

इस परियोजना की जटिलता को देखते हुए इससे जुड़े कार्यों को पूरा किए जाने को लेकर जापानी टीम संतुष्ट नजर आयी। गौरतलब है कि न्यू ऑस्ट्रियन टनल मेथड (एनएटीएम) सुरंग लगभग 4.881 किलोमीटर लंबी है। यह बीकेसी से शिलफाटा तक बनने वाली 21 कि.मी. लंबी समुद्र सुरंग का हिस्सा है, जिसमें से सात किलोमीटर का हिस्सा ठाणे क्रीक के नीचे बनाया जा रहा है।

इस खंड के लिए एनएटीएम से सुरंग निर्माण का कार्य मई 2024 में तीन मुखों के माध्यम से शुरू हुआ और पहले 2.7 किलोमीटर निरंतर सुरंग खंड के लिए पहला ब्रेकथ्रू नौ जुलाई 2025 को (एडीआईटी और सावली शाफ्ट के बीच) पूरा किया गया। इस ब्रेकथ्रू के साथ ही सावली शाफ्ट से शिलफाटा में टनल पोर्टल तक 4.881 किलोमीटर लंबी सुरंग का निरंतर खंड पूरा हो गया है। यह सुरंग शिलफाटा स्थित एमएएचएसआर परियोजना के वायडक्ट भाग से जुड़ जाएगी। इस एनएटीएम सुरंग की आंतरिक खुदाई की चौड़ाई 12.6 मीटर है।

शेष 16 किलोमीटर सुरंग निर्माण का कार्य टनल बोरिंग मशीन (टीबीएम) का उपयोग करके किया जाएगा। यह सुरंग 13.1 मीटर व्यास की एकल ट्यूब सुरंग होगी, जिसमें अप और डाउन दोनों लाइनों के लिए दोहरे ट्रैक होंगे। भारत का पहला 508 किलोमीटर लंबा बुलेट ट्रेन कॉरिडोर मुंबई और अहमदाबाद के बीच बनाया जा रहा है। 508 कि.मी. में से 321 कि.मी. वायाडक्ट और 398 कि.मी. पियर का काम पूरा हो चुका है। सत्रह नदी पुल, नौ स्टील ब्रिज पूरे हो चुके हैं। 206 किलोमीटर लंबे मार्ग पर चार लाख से अधिक नॉइज बैरियर लगाए जा चुके हैं।

206 किलोमीटर ट्रैक बेड का निर्माण पूरा किया जा चुका है। 2000 से अधिक ओएचई मास्ट लगाए गये हैं, जो लगभग 48 कि.मी. मुख्य लाइन वायाडक्ट को कवर करते है। पालघर जिले में सात पर्वतीय सुरंगों पर खुदाई का काम जारी है। गुजरात के सभी स्टेशनों पर अधिरचना का काम अंतिम चरण में है। तीनों एलिवेटेड स्टेशनों पर काम शुरू हो चुका है और महाराष्ट्र के मुंबई भूमिगत स्टेशन पर बेस स्लैब कास्टिंग का काम प्रगति पर है।

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