बिजली परियोजना पर तीव्र सुनवाई के लिए अदाणी समूह की याचिका कलकत्ता एचसी ने की खारिज

Sabal Singh Bhati
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कोलकाता, 7 फरवरी ()। कलकत्ता उच्च न्यायालय की एक खंडपीठ ने मंगलवार को मुर्शिदाबाद जिले के फरक्का में अदाणी समूह के स्वामित्व वाले बिजली संयंत्र द्वारा हाई-टेंशन बिजली लाइनों की स्थापना के खिलाफ जनहित याचिका की फास्ट-ट्रैक आधार पर सुनवाई की याचिका खारिज कर दी।

कलकत्ता उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश प्रकाश श्रीवास्तव और न्यायमूर्ति राजर्षि भारद्वाज की खंडपीठ ने 31 जनवरी को एसोसिएशन फॉर प्रोटेक्शन ऑफ डेमोक्रेटिक राइट्स (एपीडीआर) और फरक्का क्षेत्र के 30 फल किसानों द्वारा दायर जनहित याचिका को स्वीकार किया था। याचिका झारखंड के गोड्डा जिले से बांग्लादेश तक फैली एक परियोजना के हिस्से के रूप में अदाणी समूह के स्वामित्व वाले बिजली संयंत्र द्वारा क्षेत्र में कृषि भूमि पर हाई-टेंशन बिजली लाइनों की स्थापना के खिलाफ है।

याचिकाकर्ता ने उसी समय फल किसानों के हित को देखते हुए फास्ट ट्रैक आधार पर सुनवाई की अपील की थी। हालांकि, मंगलवार को खंडपीठ ने याचिका को खारिज कर दिया, और न्यायमूर्ति श्रीवास्तव ने कहा कि चूंकि इस गिनती पर आपत्तियां परियोजना का काम शुरू होने के बहुत बाद में की गई थीं, इसलिए फास्ट-ट्रैक आधार सुनवाई की कोई आवश्यकता नहीं है। न्यायमूर्ति श्रीवास्तव ने कहा, सिर्फ सात दिनों की देरी से कोई फर्क नहीं पड़ेगा।

डिवीजन बेंच ने यह भी आदेश दिया कि परियोजना से संबंधित सभी संबंधितों को जनहित याचिका में पार्टियों के रूप में शामिल किया जाना चाहिए। मामले में अगली सुनवाई 20 फरवरी को होगी।

याचिकाकर्ताआं ने जनहित याचिका में कहा है कि जिस इलाके से हाईटेंशन बिजली की लाइनें गुजरेंगी, वहां ज्यादातर लोग आम और लीची की खेती पर निर्भर हैं, ओवरहेड लाइनें उनकी आजीविका को प्रभावित करेंगी।

उनका दावा है कि ये हाई-टेंशन बिजली की लाइनें आम और लीची के बागानों के ऊपर से गुजर रही हैं और इसलिए उनके स्थान को वैकल्पिक क्षेत्रों में बदल दिया जाना चाहिए।

उन्होंने यह भी दावा किया है कि पहले भी उन्होंने इस घटनाक्रम का विरोध किया था, लेकिन पुलिस ने उन्हें पीटा था।

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Sabal Singh Bhati is CEO and chief editor of Niharika Times