अजमेर। शहर में रविवार को आयोजित श्वेत क्रांति सहकार महाकुंभ में पशुपालकों ने अपनी विभिन्न मांगों को लेकर हुंकार भरी। विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली और अजमेर डेयरी अध्यक्ष रामचन्द्र चौधरी ने चेतावनी दी है कि एक सितम्बर से विधानसभा सत्र शुरू हो रहा है, यदि इससे पहले पशुपालकों का बकाया भुगतान नहीं किया गया तो विधानसभा और सचिवालय का घेराव करेंगे। महाकुंभ में जूली ने कहा कि किसानों की आमदनी दुगुनी करने का वादा करने वाली भाजपा सरकार अपना वादा नहीं निभा रही है। किसानों को खाद तक नहीं मिल रही है।
कानून व्यवस्था से लेकर बाढ़ से निपटने तक में सरकार विफल रही है। चौधरी ने कहा कि दुग्ध उत्पादकों को पिछले सात माह से मुख्यमंत्री दुग्ध उत्पादन संबल योजना की 320 करोड़ रुपए एवं मिड डे मील योजना के अंतर्गत भी 320 करोड़ रुपए की राशि बकाया है, लेकिन सरकार भुगतान नहीं कर रही है। इस बार प्रदेश में अतिवृष्टि से किसानों एवं पशुपालकों के सामने विपरीत परिस्थितियों उत्पन्न हो गई हैं, जिससे उन्हें पशु आहार व चारा खरीदने में आर्थिक संकट का सामना करना पड़ रहा है।
ऐसे संकट के समय राज्य सरकार द्वारा बकाया भुगतान नहीं करने से किसानों व दूध उत्पादकों के सामने कोढ़ में खाज वाली स्थिति हो गई है। कार्यक्रम को किशनगढ़ विधायक विकास चौधरी, पूर्व विधायक किशनगढ़ नाथूराम सिनोदिया व नगर निगम में नेता प्रतिपक्ष द्रोपदी कोली ने भी सम्बोधित किया। ये रखी गई मांगें – दुग्ध उत्पादकों की सात माह से बकाया मुख्यमंत्री दुग्ध उत्पादन संबल योजना की राशि 320 करोड़ रुपए एवं मिड डे मील योजना के अंतर्गत बकाया राशि को एक मुश्त जारी किया जाए। – अतिवृष्टि प्रभावित किसानों एवं पशुपालकों को राहत-फसल बीमा राशि तत्काल जारी की जाए।
– चारा अनुदान पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकारों की तर्ज पर तुरंत दिया जाए। – राजस्थान में दुग्ध उत्पादन में शीर्ष पर बनाए रखने के लिए समय पर भुगतान और अनुदान देकर उत्पादन में आ रही गिरावट को रोका जाए। – डेयरी में 2500 पदों पर भर्ती की जाए। – किसानों एवं पशुपालकों को सेक्ससॉर्टेड सीमन नि:शुल्क उपलब्ध कराया जाए।