नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने वर्ष 2025-26 के लिए 36 करोड़ टन से अधिक कृषि उपज का लक्ष्य निर्धारित किया है। यह आंकड़ा पिछले साल के उपज लक्ष्य से लगभग दो करोड़ टन अधिक है। केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण और ग्रामीण विकास मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने यह जानकारी एक संवाददाता सम्मेलन में दी। चौहान ने बताया कि वर्ष 2024-25 में देश की कुल खाद्यान्न पैदावार 35.396 करोड़ टन तक पहुंच गई है, जो कि साढ़े 6 फीसदी अधिक है। धान, गेहूं, मक्का, मूंगफली और सोयाबीन जैसी प्रमुख फसलों में रिकॉर्ड पैदावार हुई है।
उन्होंने कहा कि साल 2025-26 के लिए 36.25 करोड़ टन उपज का लक्ष्य तय किया गया है, जबकि पिछले साल का उपज लक्ष्य 34.15 करोड़ टन था। सिंह ने कहा कि रबी फसल के लिए बीज की पर्याप्त मात्रा उपलब्ध है। बुवाई के लिए 229 लाख टन बीज की आवश्यकता है, जबकि उपलब्धता 250 लाख टन है। खाद और उर्वरक के संबंध में केंद्रीय मंत्री ने कहा कि इस साल अच्छी बारिश हुई है, जिससे बुवाई के क्षेत्रफल में वृद्धि हुई है। राज्यों की मांग के अनुसार खाद उपलब्ध करवाया जाएगा।
केंद्रीय कृषि मंत्री ने बाढ़ प्रभावित राज्यों की स्थिति पर भी चर्चा की और कहा कि सरकार पीड़ितों की मदद के लिए हरसंभव प्रयास कर रही है। उन्होंने कहा कि जो राज्य प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के अंतर्गत कवर हैं, वहां किसानों को बीमा राशि का उचित और त्वरित लाभ देने का प्रयास किया जा रहा है। केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह ने बताया कि रबी फसल के लिए ‘विकसित कृषि संकल्प अभियान’ पिछली बार की तरह इस बार भी चलाया जाएगा, जिसमें वैज्ञानिकों की दो हजार से अधिक टीमें गांव-गांव जाकर किसानों को जानकारी देंगी।
इन टीमों में केंद्र और राज्यों के कृषि विभाग के अधिकारी, कृषि विज्ञान केंद्रों के वैज्ञानिक, कृषि विश्वविद्यालयों, एफपीओ और प्रगतिशील किसानों का प्रतिनिधित्व होगा। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के आह्वान पर ‘लैब टू लैंड’ जोड़ने के लिए सब मिलकर कार्य करेंगे। उन्होंने बताया कि रबी सम्मेलन 2025 का आयोजन दो दिवसीय रखा गया है, जबकि पहले यह एक दिन का होता था।


