शारदा इंस्टीट्यूट में चैतन्यानंद सरस्वती पर यौन उत्पीड़न के आरोप

Sabal SIngh Bhati
By Sabal SIngh Bhati - Editor

नई दिल्ली। राष्ट्रीय राजधानी के पॉश इलाके में बने शारदा इंस्टीट्यूट ऑफ इंडियन मैनेजमेंट में कार्यरत स्वामी चैतन्यानंद सरस्वती के खिलाफ मिली यौन उत्पीड़न की कई शिकायतों की जांच के बाद गंभीर आरोपों में मामला दर्ज कर लिया गया है। पुलिस ने बुधवार को बताया कि इस मामले के प्रकाश में आने के बाद मुख्य आरोपी स्वामी चैतन्यानंद फरार हो गया। इस मामले में दक्षिण पश्चिम दिल्ली के वसंत कुंज उत्तर पुलिस थाना में श्री मठ और उसकी संपत्तियों के प्रशासक पी.ए. मुरली की शिकायत मिली थी।

इसमें आरोप लगाया गया था कि स्वामी चैतन्यानंद सरस्वती ने इंस्टीट्यूट में पढ़ रहीं छात्राओं का यौन उत्पीडऩ किया। पुलिस ने इस शिकायत के आधार पर जांच करके 32 छात्राओं के बयान दर्ज किए गए। इनमें से 17 ने स्वामी चैतन्यानंद पर अभद्र भाषा बोलने, अश्लील व्हाट्सएप/एसएमएस संदेश भेजने और अवांछित शारीरिक संपर्क के आरोप लगाए। ये छात्राएं यहां से ईडब्ल्यूएस छात्रवृत्ति के तहत पीजीडीएम कोर्स कर रही हैं। पीड़तिाओं ने यह भी बताया कि संस्थान में कार्यरत कुछ महिला संकाय सदस्यों और प्रशासकों ने आरोपी के दबाव में उन्हें उत्पीड़न सहन करने के लिए मजबूर किया।

पुलिस ने इन बयानों के आधार पर वसंत कुंज उत्तर थाने में भारतीय न्याय संहिता की धाराओं 75(2)/79/351(2) के तहत मामला दर्ज किया। जांच के दौरान सीसीटीवी फुटेज का विश्लेषण किया गया और घटनास्थल और आरोपी के ठिकानों पर कई छापेमारी की गईं। संस्थान से मिली एनवीआर/हार्ड डिस्क को फॉरेंसिक जांच के लिए एफएसएल भेजा गया है। कुल 16 पीड़तिाओं के बयान धारा 183 बीएनएस के तहत पटियाला हाउस अदालत में न्यायाधीश के समक्ष दर्ज किए गए हैं।

जांच के दौरान शारदा इंस्टीट्यूट के बेसमेंट में एक वोल्वो कार पार्क मिली, जिस पर जाली राजनयिक नंबर प्लेट (39 यूएन 1) लगी थी। यह कार स्वामी चैतन्यानंद उर्फ डॉ. स्वामी पार्थसारथी द्वारा उपयोग की जाती थी। इसके आधार पर भी 25 अगस्त को वसंत कुंज उत्तर पुलिस थाने में एफआईआर नंबर 385/2025, धारा 345(3)/318(4)/336(3)/340(2) बीएनएस के तहत एक और मामला दर्ज कर कार को जब्त कर लिया गया था।

इस संस्थान के संस्थापक जगद्गुरु शंकराचार्य महासंस्थानम्, दक्षिणाम्नाय श्री शारदा पीठम्, श्रृंगेरी ने एक बयान जारी करके कहा कि स्वामी चैतन्यनंद सरस्वती उर्फ स्वामी पार्थसारथी के अवैध और अनुचित कृत्यों से, उनकी संस्था का कोई संबंध नहीं है और संस्था ने उससे सभी संबंध समाप्त कर दिए गए हैं।

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