चंडीगढ़ प्रशासक ने उत्तर भारत की सबसे बड़ी तैरती सौर परियोजना की शुरूआत की

Sabal Singh Bhati
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चंडीगढ़, 23 जनवरी ()। चंडीगढ़ के प्रशासक और पंजाब के राज्यपाल बनवारीलाल पुरोहित ने सोमवार को उत्तर भारत की 2000 केडब्ल्यूपी की सबसे बड़ी तैरती सौर परियोजना का उद्घाटन किया।

सेक्टर 39 में वाटर वर्क्‍स में 2000 केडब्ल्यूपी का फ्लोटिंग सोलर पावर प्लांट 11.70 करोड़ रुपये की लागत से चालू किया गया है। उन्होंने धनास झील के ऊपर स्थापित 500 केडब्ल्यूपी के तैरते सौर ऊर्जा संयंत्र का भी उद्घाटन किया। इसका निर्माण 3.34 करोड़ रुपये की लागत से किया गया।

एक आधिकारिक बयान में कहा गया है कि, दोनों परियोजनाओं को क्रेस्ट (चंडीगढ़ रिन्यूएबल एनर्जी एंड साइंस एंड टेक्नोलॉजी प्रमोशन सोसाइटी) द्वारा डिजाइन और निष्पादित किया गया है और 20 प्रतिशत मॉड्यूल दक्षता के साथ प्रति वर्ष न्यूनतम 35 लाख यूनिट (केडब्ल्यूएच) उत्पन्न करेगा।

प्रशासक ने धनास झील को फव्वारों से विकसित करने और इसे एक और पर्यटन स्थल बनाने के लिए क्रेस्ट और वन और वन्यजीव विभाग के प्रयासों की सराहना की। उन्होंने निवासियों से यह भी आग्रह किया कि वह अपने भवनों की छत पर सौर ऊर्जा स्थापित करें ताकि सौर ऊर्जा का दोहन किया जा सके।

चंडीगढ़ की सांसद किरण खेर ने सोलर प्लांट के साथ-साथ फव्वारों के चालू होने पर प्रसन्नता व्यक्त की, जिन्होंने न केवल झील को सुशोभित किया है बल्कि सौर ऊर्जा के दोहन की आवश्यकता पर जागरूकता पैदा करने में भी मदद की है। प्रशासक के सलाहकार धरम पाल ने अनूठी फ्लोटिंग परियोजनाओं के उद्घाटन पर क्रेस्ट के प्रयासों की सराहना की और आशा व्यक्त की कि इस गति से चंडीगढ़ भारत सरकार के भविष्य में 100 प्रतिशत नवीकरणीय ऊर्जा बनने के लक्ष्य को प्राप्त कर सकता है।

केसी/एएनएम

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Sabal Singh Bhati is CEO and chief editor of Niharika Times