छत्तीसगढ़ में नक्सलवाद के खिलाफ अभियान जारी है। पिछले एक महीने में कई नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया है। आज कांकेर जिले में 21 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया है, जिनमें 13 महिलाएं और 8 पुरुष शामिल हैं। इन लोगों ने 18 हथियारों के साथ आत्मसमर्पण किया है और हिंसा का रास्ता छोड़ दिया है। रविवार को इन नक्सलियों ने बस्तर रेंज के वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों की मौजूदगी में समर्पण किया। इस समूह में कई बड़े माओवादी नेता शामिल थे, जिनमें डिवीजन कमेटी सचिव मुकेश भी थे।
उनके साथ चार DVCM, नौ ACM और कुमरी तथा किस्कोडो एरिया कमेटी के आठ पार्टी सदस्य भी थे। सरेंडर करने वाले नक्सलियों को संविधान की कॉपी और गुलाब का फूल दिया गया है। इन्हें सरकार की पुनर्वास योजना का लाभ मिलेगा। अबूझमाड़ का अधिकांश हिस्सा नक्सली प्रभाव से मुक्त हो जाएगा और बड़ी संख्या में नक्सलियों के सरेंडर के बाद उत्तरी बस्तर में लाल आतंक का अंत होने की संभावना है। अब केवल दक्षिणी बस्तर ही बचा है, लेकिन सरकार के नक्सलमुक्त अभियान के चलते यह हिस्सा भी माओवादियों से मुक्त हो जाएगा।
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा है कि केंद्र सरकार ने 31 मार्च, 2026 तक देश से नक्सल समस्या समाप्त करने का संकल्प लिया है।


