जयपुर। श्रीमोतीडूंगरी गणेश मंदिर शोभायात्रा समिति द्वारा गणेश चतुर्थी के दूसरे दिन गुरुवार को 38वीं शोभा यात्रा का शुभारम्भ मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने पूजा-अर्चना और आरती उतारकर किया। यात्रा में सबसे आगे हाथी निशान था और उसके पीछे हाथी, धोड़े, ऊंट का लवाजमा, शिव-पार्वती की परिक्रमा करते हुए गणेश जी की मनमोहक स्वचलित झांकी थी।
लगभग 85 से अधिक झांकियों में राम-रावण युद्ध, गणेशजी का तांड़व, गणेशजी और श्यामबाबा भक्तों को आशीर्वाद देते हुए, नंदी पर सवार शिव परिवार की स्वचालित झांकी, भगवान शंकर की हथेली पर नृत्य करते हुए गणेशजी की स्वचालित झांकी, भागीरथ की तपस्या पर शिव की जटाओं पर गंगा अवतरण की नयनाभिराम झांकी आकर्षित कर रही थी। शोभा यात्रा मोतीडूंगरी से रवाना होकर एमडी रोड, जौहरी बाजार, त्रिपोलिया बाजार, गणगौरी बाजार, ब्रह्मपुरी होते हुए देर रात गढ़ गणेश मंदिर पहुंची, जहां आरती उतारकर स्वागत किया गया। शोभायात्रा का बैंडबाजे और डीजे से स्वागत किया गया।
शोभा यात्रा में शामिल झांकियों का पुष्पवर्षा के साथ स्वागत किया गया। डीजे से आती संगीत स्वरलहरियां वातावरण को भक्ति रस से सराबोर करती रही। बड़ी संख्या में युवा सिर पर भगवा साफा बांधे डीजे की मधुर स्वर लहरियों पर नाचते-गाते हुए चलते रहे। बड़ी संख्या में श्रद्धालु शोभा यात्रा में शामिल हुए। मुख्यमंत्री ने शोभायात्रा में चित्र स्वरूप भगवान श्री गणेश की विधिवत पूजा-अर्चना कर प्रदेश की खुशहाली की कामना की। इससे पहले शर्मा ने मोती डूंगरी गणेश मंदिर में दर्शन भी किए। शर्मा का मंदिर में महंत कैलाश शर्मा ने स्वागत किया।
मुख्यमंत्री ने मंदिर में उपस्थित श्रद्धालुओं से आत्मीयता के साथ मुलाकात की और उनका अभिवादन स्वीकार किया। सांसद मंजू शर्मा सहित विभिन्न जनप्रतिनिधि और गणमान्यजन उपस्थित रहे। शोभा यात्रा में राफेल से लेकर ऑपरेशन सिंदूर तक की झांकी सजाई गई। माता वैष्णो देवी दरबार की झांकी, केदारनाथ धाम पर गणेशजी आराधना करते हुए, शिवजी अपने गणों के साथ श्मशान में होली खेलते हुए, अशोक वाटिका में हनुमान जी राक्षसों से युद्ध करते हुए, चंद्रमा को श्राप देते हुए गणेश जी की स्वचलित झांकी, त्रिपोलिया से गेट से तीज माता की सवारी निकलती हुई स्वचलित झांकी भी दिखी।
शोभा यात्रा का जगह-जगह व्यापारिक संगठनों, राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों और जनप्रतिनिधियों ने स्वागत किया।


