जयपुर। मुख्य सचिव सुधांश पंत ने राज्य के सभी प्रशासनिक विभागों को निर्देश दिए हैं कि किसी भी नए सरकारी भवन के निर्माण से पहले यह जांच अवश्य करें कि संबंधित उपयोग के लिए पहले से कोई भवन उपलब्ध तो नहीं है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार द्वारा करवाए गए सर्वे में 10 हजार से अधिक ऐसे राजकीय भवनों की पहचान की गई है, जो वर्तमान में उपयोग में नहीं आ रहे हैं।
पंत ने स्पष्ट किया कि जिला कलेक्टरों के पास इन खाली भवनों की पूरी सूची उपलब्ध है और आवश्यकता पड़ने पर इन्हें अन्य विभागों को आवंटित किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि नए भवन निर्माण के प्रस्ताव भेजने से पहले जिला कलेक्टर से यह प्रमाण पत्र लिया जाएं कि संबंधित प्रयोजन हेतु कोई उपयुक्त भवन उपलब्ध नहीं है। वित्त विभाग को भी निर्देश दिए गए हैं कि नए भवनों की स्वीकृति से पूर्व यह सुनिश्चित करें कि संबंधित विभाग ने पुराने भवनों के उपयोग की संभावना की जांच कर ली है।
इस कदम से सरकारी संसाधनों का बेहतर उपयोग सुनिश्चित होगा और अनावश्यक निर्माण कार्यों पर खर्च में भी कमी आएगी।


