जयपुर में चार दिवसीय चित्रायन कला प्रदर्शनी का उद्घाटन

Tina Chouhan

जयपुर। जवाहर कला केंद्र की अलंकार दीर्घा में गुरुवार को चार दिवसीय समूह कला प्रदर्शनी चित्रायन: चित्रों की यात्रा का शुभारंभ हुआ। इस प्रदर्शनी में चार प्रतिभाशाली महिला कलाकार निधि चौधरी, निकिता तातेड़, परिधि जैन और शगुन अग्रवाल अपनी अनूठी कलाकृतियों के साथ शिरकत कर रही हैं। उनकी कला में प्रकृति, पौराणिक कथाएं और मानवीय भावनाएं बखूबी नजर आ रही हैं। चारों कलाकार अपनी जड़ों से जुड़ी राजस्थान की सांस्कृतिक विरासत को वैश्विक दृष्टिकोण के साथ प्रस्तुत कर रही हैं। निकिता तातेड़ का कोविड-19 काल में पेंटिंग करने का जुनून चढ़ा।

इस दौरान तातेड़ ने मोजेक और मेश पेंटिंग को अपनी कला यात्रा में अपनाया और इसे अपनी रचनात्मक साधना बना लिया। मुंबई की कलाकार परिधि जैन की कलाकृतियों में भावनात्मक एवं दृष्टिगत गहराई देखने को मिली। प्रदर्शनी में उनकी समकालीन भारतीय कला में की कलाकृतियां देखने को मिली। पेशे से मनोवैज्ञानिक शगुन अग्रवाल बचपन से ही कला से जुड़ी रही है। यह प्रदर्शनी 31 अगस्त तक प्रतिदिन सुबह 10 से शाम 6 बजे तक कला-प्रेमियों के लिए खुली रहेगी। प्रदर्शनी के उद्घाटन समारोह में शहर के वरिष्ठ कलाकारों, प्रशासकों और कला-रसिकों ने बड़ी संख्या में भागीदारी की।

पेंटिंग ऐसी विधा जो दर्द कम कर देती है: निधि पेशे से आईएएस अधिकारी निधि चौधरी ने नवज्योति से हुई बातचीत में बताया कि बचपन से ही पेंटिंग का शौक रहा है। फिर स्टडी के कारण पेंटिंग से 18 साल का गेप देना पड़ा। 2018 के बाद मैंने दोबारा पेंटिंग करना शुरू किया। इस दौरान करीब 20 पेंटिंग एग्जीबिशन में भाग ले चुकी हूं। एक सवाल के जवाब में निधि ने बताया कि पेंटिंग एक ऐसी विद्या या हॉबी है, जो जीवन में फैले दर्द-पीड़ा को कम कर आपको पॉजीटिव मोड में रखने में मदद करती है।

पेशे से एक आईएएस अधिकारी हूं, इसमें आए दिन स्ट्रेस, टेंशन आती रहती है, इससे लिए पेंटिंग मुझे इस सिचुएशन से निकलने में मदद करती हैं। पेंटिंग के साथ मुझे पॉएट्री करने का भी शौक है। इस प्रदर्शनी में मेरी करीब 70 कलाकृतियां प्रदर्शित हो रही हैं।

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