राजस्थान: सरकारी कर्मचारियों को सीएम गहलोत का तोहफा

Jaswant singh
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राजस्थान: राजस्थान सरकार ने सरकारी सेवकों को बड़ा तोहफा दिया है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने वर्ष में दो बार विभागीय पदोन्नति समिति (डीपीसी) की बैठकें आयोजित करने के प्रस्ताव को मंजूरी दी। इस निर्णय के बाद सभी विभागों में विभागीय पदोन्नति समिति की नियमित बैठक के बाद स्वतंत्र कार्यों के लिए समिति की एक और बैठक भी होगी |

प्रस्ताव के अनुसार, सभी सेवाओं मे पदोन्नति से भरे जाने वाले पदों पर यदि नियमित डीपीसी 30 सितंबर से पूर्व हो जाती है एवं डीपीसी के पश्चात किसी पद/संवर्ग के 15 प्रतिशत से अधिक पद 31 दिसम्बर तक रिक्त हो जाते हैं, तो ऐसे पदों को भरने के लिए डीपीसी अनुशंसाओं का रिव्यू किया जा सकेगा तथा उसी वित्तीय वर्ष में 31 मार्च तक डीपीसी कर भरा जा सकेगा।

यह ध्यान दिया जाना चाहिए कि पदोन्नति प्रक्रिया वित्तीय वर्ष के 1 अप्रैल से शुरू होती है। अधिकांश विभागों में पदोन्नति समिति की वार्षिक नियमित बैठक जून-जुलाई में होती है। डीपीसी में 1 अप्रेल की स्थिति में पूरे वर्ष की सभी संभावित रिक्तियों को शामिल किया जाता है।  सेवा से अलग होने, अनिवार्य सेवानिवृत्ति, स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति, मृत्यु, उचित डीपीसी प्राप्त करने के बाद भी पदोन्नति की अस्वीकृति जैसे विभिन्न कारणों से रिक्तियां उत्पन्न होती हैं। इन रिक्तियों को समय के साथ भरा जा सकता है।
इस प्रस्ताव को प्रधानमंत्री की मंजूरी से योग्य सरकारी सेवकों के पास उन्नति के अधिक अवसर होंगे और विभाग यह सुनिश्चित कर सकते हैं कि वे सिविल सेवक और सिविल सेवक हैं।

कुछ मुख्य बाते

  1. – अब कर्मचारियों को साल में दो बार मिलेंगे पदोन्नति के अवसर
  2. – विभागीय पदोन्नति समिति की साल में दो बार होे सकेगी बैठक
  3. – नियमित डीपीसी पश्चात रिक्त पदों को भरने के लिए रिव्यू डीपीसी
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