मध्य प्रदेश में ठंड ने 5 साल का रिकॉर्ड तोड़ा, 12 जिलों में अलर्ट

vikram singh Bhati

भोपाल: पहाड़ों पर हुई बर्फबारी के बाद उत्तरी बर्फीली हवाओं ने मध्य प्रदेश को प्रभावित किया है। कई शहरों में दिन और रात के तापमान में भारी गिरावट आई है, जिससे ठंड का प्रकोप बढ़ गया है। राजधानी भोपाल में बुधवार की रात नवंबर में पिछले 5 सालों में सबसे ठंडी रही, जहां न्यूनतम तापमान 9.6 डिग्री सेल्सियस तक लुढ़क गया। मौसम विज्ञानियों के अनुसार, उत्तर भारत में पश्चिमी विक्षोभ के गुजरने के बाद बर्फीली हवाओं का प्रवाह मध्य प्रदेश की ओर हो गया है।

इससे प्रदेशभर में अचानक ठंड बढ़ गई है और कई इलाकों में शीतलहर जैसे हालात बन गए हैं। सुबह और शाम के समय तेज सर्द हवाएं लोगों को कंपा रही हैं। भोपाल में ठंड ने इस सीजन के सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं। बुधवार को न्यूनतम तापमान सामान्य से 4 डिग्री कम, 9.6 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। यह पिछले 5 सालों में नवंबर के महीने में दर्ज किया गया सबसे कम तापमान है। इससे पहले साल 2018 में नवंबर में पारा 9 डिग्री सेल्सियस तक पहुंचा था।

ठंड का असर इतना तेज है कि दिन में भी लोगों को गर्म कपड़ों का सहारा लेना पड़ रहा है। प्रदेश के कई शहर ठंड की चपेट में हैं। बुधवार को प्रदेश में सबसे ठंडा हिल स्टेशन पचमढ़ी रहा, जहां न्यूनतम तापमान 7.4 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। वहीं, राजगढ़ में पारा 8.0 डिग्री सेल्सियस पर पहुंच गया। बड़े शहरों में इंदौर में न्यूनतम तापमान 12.1 डिग्री, जबलपुर में 10.4 डिग्री और ग्वालियर में 9.8 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया।

मौसम विभाग ने ठंड के तीव्र प्रकोप को देखते हुए प्रदेश के 12 जिलों में अगले 24 घंटों के लिए शीतलहर का अलर्ट जारी किया है। इन जिलों में शामिल हैं: भोपाल, इंदौर, जबलपुर, ग्वालियर, उज्जैन, सागर, रीवा, नर्मदापुरम, शहडोल, धार, खंडवा, रतलाम। मौसम विभाग का पूर्वानुमान है कि अगले एक-दो दिनों तक ठंड का यह दौर जारी रहेगा। हालांकि, इसके बाद तापमान में मामूली बढ़ोतरी हो सकती है, लेकिन ठंड का असर बना रहेगा। लोगों को ठंड से बचाव के लिए जरूरी सावधानी बरतने की सलाह दी गई है।

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Vikram Singh Bhati is author of Niharika Times web portal