बच्चों की बीमारी पर खांसी की दवाओं की जांच के लिए समिति का गठन

Tina Chouhan

जयपुर। भरतपुर और सीकर में खांसी की दवा से बच्चों के गंभीर बीमार होने की घटनाओं के बाद, चिकित्सा विभाग में दवा सप्लाई का जिम्मा संभालने वाली राजस्थान मेडिकल सर्विस कॉरपोरेशन ने राज्य के सरकारी अस्पतालों में सप्लाई होने वाली सभी खांसी की दवाओं की जांच कराने का निर्णय लिया है। सभी नमूने जांच के लिए भेज दिए गए हैं। इसके अलावा, दवा के वितरण और उपयोग की जांच के लिए एक तीन सदस्यीय समिति का गठन किया गया है।

इस समिति में आरएमएससीएल के कार्यकारी निदेशक गुणवत्ता नियंत्रण, कार्यकारी निदेशक लॉजिस्टिक और मुख्यमंत्री निशुल्क दवा योजना के नोडल अधिकारी शामिल हैं। यह समिति जल्द ही अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करेगी। रिपोर्ट आने पर मामले में नियमानुसार आवश्यक कार्रवाई की जाएगी। दवा का वैधानिक नमूना पहले ही राजकीय औषधि परीक्षण प्रयोगशाला में भेजा जा चुका है। दवा की लैब रिपोर्ट और समिति की रिपोर्ट के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी। उल्लेखनीय है कि बच्चों के बीमार होने के बाद, इन दवाओं के बैचों के वितरण और मरीजों के उपयोग पर उसी दिन रोक लगा दी गई थी।

नमूने जांच के लिए भेजे गए थे। जून 2025 से इस खांसी की दवा की आपूर्ति की जा रही है और अब तक 1 लाख 33 हजार से अधिक मरीजों को वितरित की जा चुकी है, लेकिन 28 सितंबर से पहले कोई शिकायत प्राप्त नहीं हुई थी। इसके बाद, कंपनी को जुलाई 2025 में दिए गए निर्देशों के तहत 31 हजार से अधिक मरीजों को यह दवा वितरित की गई है, लेकिन इससे पहले कोई शिकायत नहीं मिली है। हालाँकि, कंपनी की सप्लाई से पहले दवाइयों की जांच की जाती है, उसके बाद ही वितरण शुरू किया जाता है।

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