नई दिल्ली। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने बिहार की जमीनी राजनीति में पकड़ और मजबूत बनाने के लिए पार्टी के अतिपिछड़ा न्याय संकल्प पत्र को इस उपेक्षित वर्ग की उन्नति के लिए कांग्रेस की प्रतिबद्धता का परिणाम बताया। उन्होंने कहा कि अति पिछड़ों के साथ अन्याय नहीं होने देंगे और उनके हित के लिए बराबर काम करेंगे।
गांधी ने बिहार की राजधानी पटना में कांग्रेस की सर्वोच्च नीति निर्धारक संस्था कांग्रेस कार्यसमिति की विस्तारित बैठक के पश्चात पार्टी का अति पिछड़ा न्याय संकल्प पत्र जारी करने के एक दिन बाद सोशल मीडिया पर कहा कि कांग्रेस अति पिछड़ों को उनका हक दिलाने के लिए संकल्पित है। उनका कहना था कि पार्टी का मकसद कमजोरों को मजबूत बनाना है और इसलिए यह संकल्प पत्र जारी किया गया है। पार्टी ने जो वादे इस संकल्प पत्र में किए हैं, उन्हें पूरा किया जाएगा।
राहुल गांधी ने लिखा- भाजपा चाहे जितने भी झूठ बोले और ध्यान भटकाने की साजिश करे, हम अतिपिछड़े, दलित, आदिवासी, अल्पसंख्यक और पिछड़े समाज को उनका पूरा हक दिलाने के लिए संकल्पित हैं। बिहार में अतिपिछड़ा समाज को मजबूत बनाने और उनकी भागीदारी बढ़ाने के लिए हमने अतिपिछड़ा न्याय संकल्प पत्र में ठोस वादे किए हैं।
गांधी ने हर समुदाय के विकास के लिए शिक्षा को जरूरी बताया और कहा- शिक्षा इन समुदायों की प्रगति का सबसे बड़ा साधन है, इसलिए इस क्षेत्र में उनकी पहुंच बढ़ाने के लिए विशेष संकल्प हैं- अब प्राइवेट कॉलेज और यूनिवर्सिटीज में भी आरक्षण लागू होगा, प्राइवेट स्कूलों की आरक्षित आधी सीटें अनुसूचित जाति, जनजाति, ओबीसी तथा आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के बच्चों को मिलेंगी और नियुक्तियों में उपयुक्त उम्मीदवार नहीं मिलने जैसी अन्यायपूर्ण व्यवस्था खत्म होगी। यह सिर्फ शिक्षा नहीं, बल्कि अति पिछड़ों की बराबरी और सम्मान की लड़ाई है।
यही है सच्चा सामाजिक न्याय और समान विकास की गारंटी।


