कांग्रेस ने विधानसभा जासूसी मामले की जांच के लिए ज्वाइंट कमेटी की मांग की

Tina Chouhan

जयपुर। विधानसभा में कैमरों के जरिए विपक्षी सदस्यों की कथित जासूसी के मामले में कांग्रेस प्रतिनिधिमंडल नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली के नेतृत्व में राज्यपाल हरिभाऊ बागडे से मिला और इस पूरे मामले की जांच की मांग की। नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने अपने आवास पर मीडिया से बातचीत में बताया कि विधानसभा में कैमरे लगवाकर जासूसी मामले में राज्यपाल ने उन्हें आश्वासन दिया है कि वो इस पूरे मामले की जांच करवाएंगे।

हमने सदन में भाजपा के मुख्य सचेतक जोगेश्वर गर्ग और विधायक गोपाल शर्मा की ओर से की गई अनर्गल टिप्पणी के बारे में भी राज्यपाल को अवगत करवाया है। वहीं गोपाल शर्मा के खिलाफ हमने सदन के अंतिम दिन विशेषाधिकार हनन का नोटिस भी लगाया है। जूली ने कहा कि पूर्ववर्ती सरकार के समय जब सीपी जोशी विधानसभा अध्यक्ष थे, तब प्रसारण के लिए कैमरे लगाए गए थे, वह भी 360 डिग्री के विजुअल देते थे, लेकिन अब उन कैमरों को बदल दिया गया है। एक करोड़ 9 लाख रुपए का टेंडर से दो स्पाई कैमरे लगाए गए हैं।

एक तरफ जहां तमाम कैमरे एक करोड़ 9 लाख रुपये बदले गए हैं, तो वही दो जासूसी कैमरे भी 18 लाख 46 हजार में लगाए गए हैं। सार्वजनिक निर्माण विभाग ने इसका टेंडर दिया था। जूली ने कहा कि विधानसभा स्पीकर को बताना चाहिए कि एक करोड़ 9 लाख रुपए में कौन-कौन से कैमरे और माइक लगे हैं और किस क्वालिटी के लगे हैं और किसको टेंडर दिया गया है। वहीं दो स्पाई कैमरे किस मकसद से लगाए हैं और इसे लगाने की किसने अनुमति दी थी।

जूली ने कहा कि इस पूरे मामले की जांच के लिए एक ज्वाइंट कमेटी बनाई जाएं, इसमें सत्ता पक्ष के साथ-साथ विपक्षी सदस्यों को भी शामिल किया जाना चाहिए। साथ ही अन्य दलों और निर्दलीय विधायकों को भी शामिल किया जाना चाहिए। वहीं हाईकोर्ट के एक रिटायर्ड जस्टिस को भी इस कमेटी में शामिल किया जाना चाहिए।

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