नई दिल्ली। कांग्रेस की सर्वोच्च नीति निर्धारक संस्था कांग्रेस कार्य समिति (सीडब्ल्यूसी) की बैठक आजादी के बाद पहली बार बिहार की राजधानी पटना के सदाकत आश्रम में हो रही है। सदाकत आश्रम स्वतंत्रता आंदोलन के दौरान कांग्रेस की गतिविधियों का एक प्रमुख केन्द्र था और कांग्रेस कार्यसमिति की पिछली बैठक सदाकत आश्रम में 1940 में हुई थी। बिहार कांग्रेस के लिए 24 सितंबर का यह दिन ऐतिहासिक बताया जा रहा है। दिन भर चलने वाली इस विस्तारित कार्य समिति की बैठक को बिहार विधानसभा चुनाव के लिहाज से बेहद अहम माना जा रहा है।
यह बैठक कुछ माह बाद होने वाले विधानसभा चुनावों को लेकर रणनीति बनाने के लिये की जा रही है। कांग्रेस पार्टी का दावा है कि यह महज एक औपचारिक बैठक नहीं, बल्कि शक्ति प्रदर्शन भी होगा, जिसके जरिए कांग्रेस खुद को बिहार की राजनीति के केंद्र में स्थापित करने की कोशिश करेगी। बैठक में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, पूर्व पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी, लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी, वायनाड से सांसद प्रियंका गांधी वाड्रा समेत 170 से ज्यादा कांग्रेस पार्टी के बड़े नेता यहां जुटे हैं।
कांग्रेस शासित हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू, कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया और तेलंगाना के मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी इस बैठक में हिस्सा ले रहे हैं। कांग्रेस ने इस बैठक को लेकर जो माहौल बनाया है वह 2023 में हैदराबाद में हुई बैठक जैसा ही है और उस बैठक के बाद कांग्रेस ने तेलंगाना में चुनावी जीत दर्ज की थी। अब वही फॉर्मूला बिहार में आजमाने की तैयारी है।


