जयपुर। सदन में लगे कथित हिडन कैमरों को लेकर कांग्रेस विधायकों ने बुधवार को विधायक आवास से विधानसभा परिसर तक पैदल मार्च करके विरोध प्रदर्शन किया। कांग्रेस विधायकों ने हिडन कैमरों के जरिए जासूसी को संविधान के अनुच्छेद 21 का उल्लंघन बताते हुए जमकर नारेबाजी की और कैमरे हटाने की मांग की। कांग्रेस विधायकों ने जग्गा जासूस स्लोगन वाली टोपी पहन रखी थी और हाथ में अनुच्छेद 21 का हनन बैनर ले रखा था। तमाम विधायकों ने नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली के नेतृत्व में जमकर प्रदर्शन किया।
मीडिया से बातचीत करते हुए नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने कहा कि सदन में जब पहले से ही कैमरे लगे हुए हैं, सीसीटीवी कैमरे लगे हुए हैं और यूट्यूब से सब कुछ जुड़ा हुआ है। पूरा राजस्थान इस कार्रवाई को देखता है लेकिन इसके बावजूद भी सदन में विपक्षी सदस्यों की बात सुनने के लिए हिडन कैमरे लगे हुए हैं। जब सदन चलता है तो पूरी कार्यवाही ऑन रिकॉर्ड होती है लेकिन जब सदन नहीं चलता है तब कोई सदस्य आपस में बात करते हैं तो यह लोग हिडन कैमरो के जरिए विपक्षी सदस्यों की बातों को सुनते हैं।
सरकार ने विधानसभा स्पीकर के माध्यम से यह काम करवाया है। मुख्यमंत्री तीन दिन उसे कमरे में बैठे रहे जहां पर हिडन कैमरे का एक्सेस है। विधानसभा स्पीकर पर भी सवाल खड़े करते हुए कहा कि स्पीकर ने अपने विधायक मद से कैमरे लगवाए हैं और जब एक अधिकारी ने मना कर दिया तो उस अधिकारी का ट्रांसफर कर दिया और उसके निचले स्तर के अधिकारी से मद में पैसा खर्च करवाया है। इस सरकार में कौन बिग ब्रदर है जो हमारी निगरानी करते हैं। मंत्रियों के ड्राइवर के फोन टेप हो रहे हैं।
विधायक दल की बैठक में भी मुख्यमंत्री ने कहा था कि कौन विधायक क्या कर रहा है मेरे पास सब की खबर है, यह भी निजता का उल्लंघन है। ऐसा लग रहा है कि पूरे कुएं में ही भांग घुली हुई है, यह सब लोग मिलकर जासूसी का नेटवर्क चला रहे हैं।


