कांग्रेस एसआईआर के मुद्दे पर गलत जानकारी फैला रही है: शाह

Sabal SIngh Bhati
By Sabal SIngh Bhati - Editor

नई दिल्ली। शीतकालीन सत्र के दौरान बुधवार को लोकसभा में चुनाव सुधारों पर चर्चा हुई। सरकार की ओर से गृह मंत्री अमित शाह ने चर्चा में भाग लिया। अमित शाह ने कहा कि एसआईआर पर चर्चा नहीं हो सकती है, क्योंकि चुनाव आयोग सरकार के अधीन काम नहीं करता, वह एक स्वतंत्र संस्था है। कांग्रेस एसआईआर को लेकर झूठ फैला रही है। कांग्रेस की ओर से जो झूठ फैलाया गया है, मैं उसका जवाब दूंगा।

गृह मंत्री अमित शाह लोकसभा में चुनाव सुधार पर चर्चा का जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि दो दिन संसद की कार्यवाही नहीं चल सकी, लोगों के बीच इस तरह का संदेश देने की कोशिश की गई कि हम चर्चा नहीं करना चाह रहे हैं। हम भाजपा और एनडीए के लोग चर्चा से कभी नहीं भागे… चर्चा के लिए हमने न कहा, इसके पीछे भी कारण थे। विपक्ष एसआईआर की डिटेल में समीक्षा की मांग कर रहा है, जो संभव नहीं है क्योंकि यह चुनाव आयोग के अधिकार क्षेत्र में आता है। हम चुनाव नहीं करवाते हैं।

इस पर चर्चा होगी तो जवाब कौन देगा? जब ये चुनाव सुधार पर चर्चा के लिए तैयार हुए, हमने दो दिन चर्चा की। अमित शाह ने कहा कि चर्चा तय हुई चुनाव सुधार पर, लेकिन विपक्ष के सदस्यों ने एसआईआर पर ही बोला। जवाब तो मुझे देना पड़ेगा। मैंने पहले के भी सभी एसआईआर का गहन अध्ययन किया है और कांग्रेस की ओर से फैलाए गए झूठ का अपने तर्कों के हिसाब से जवाब देना चाहता हूं। चुनाव आयोग एक संवैधानिक संस्था है।

शाह ने कहा कि विपक्ष एसआईआर का मुद्दा छेड़कर बहस को भटकाना चाहता था, जबकि सरकार व्यापक चुनावी सुधारों पर सार्थक चर्चा चाहती थी। गृह मंत्री ने कहा, चुनाव के लिए चुनाव आयोग जिम्मेदार है, यह व्यवस्था जब बनी, तब हम थे ही नहीं। अनुच्छेद 324 में चुनाव आयुक्त को विशेष अधिकार दिए गए। अनुच्छेद 326 में मतदाता की पात्रता तय की गई है। मनीष तिवारी कह रहे थे कि एसआईआर का अधिकार चुनाव आयोग को है ही नहीं, तो उनको बताना चाहता हूं कि यह अधिकार चुनाव आयोग को अनुच्छेद 327 में है।

अमित शाह ने कहा कि 2000 के बाद तीन बार एसआईआर हुआ और दो बार भाजपा-एनडीए की सरकार थी, एक बार मनमोहन सिंह की सरकार थी। तब किसी ने विरोध नहीं किया। यह चुनाव को पवित्र रखने की प्रक्रिया है। चुनाव जिस आधार पर होते हैं, वह वोटर लिस्ट ही अशुद्ध है, तो चुनाव कैसे पवित्र हो सकते हैं। अमित शाह ने कहा कि घुसपैठिए यह तय नहीं कर सकते कि सीएम-पीएम कौन हो। सुप्रीम कोर्ट के फैसले से एसआईआर हुआ। चुनाव आयोग की ड्यूटी है यह तय करना कि कौन मतदाता है और कौन नहीं।

बताते हुए दावा करते हैं कि इस घर में इतने वोटर हैं। चुनाव आयोग ने वेरिफिकेशन किया तो यह दावा ही गलत था। वोट चोरी का फर्जी नैरेटिव बनाने की कोशिश हो रही है।

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