पटना। भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के 25वें राज्य सम्मेलन में बिहार विधानसभा चुनाव में 24 सीटों की मांग आईएनडीआईए के समक्ष दोहराई गई। साथ ही, सम्मेलन में सर्वसम्मति से रामनरेश पाण्डेय को पार्टी का राज्य सचिव चुना गया। वे तीसरी बार इस पद हेतु चुने गए हैं। पांच दिवसीय सम्मेलन की समाप्ति के बाद पार्टी के राष्ट्री सचिव पल्लव सेन गुप्ता तथा डॉ.
गिरीशचंद्र शर्मा और नव निर्वाचित राज्य सचिव रामनरेश पाण्डेय ने शुक्रवार को संवाददाता सम्मेलन में कहा कि 2020 के बिहार विधानसभा चुनाव में महागठबंधन से भाकपा को छह सीटें मिली थीं, लेकिन इस बार होने वाले चुनाव में उम्मीद है कि हमें सम्मानजनक सीटें मिलेंगी। उन्होंने कहा कि हमने पहले ही 24 सीटों की मांग संबंधी प्रस्ताव आईएनडीआईए को दे रखी हैं।
नेताओं ने बताया कि राज्य सम्मेलन में सर्वसम्मति से 21 से 25 सितंबर तक चंडीगढ़ में आयोजित होने वाले पार्टी के 25वें राष्ट्रीय महाधिवेशन के लिए बिहार से 67 प्रतिनिधि और सात वैकल्पिक प्रतिनिधि का चुनाव किया गया, जो महाधिवेशन में भाग लेंगे। सम्मेलन में नौ सदस्यीय राज्य अनुशासन आयोग, 115 सदस्यीय नई राज्य परिषद और राज्य परिषद के लिए नौ उम्मीदवार सदस्य का चुनाव किया गया। नेताओं ने दावा किया कि इस बार विधानसभा चुनाव के बाद भारी बहुमत से बिहार में आईएनडीआईए की सरकार बनेगी और 20 वर्षों से सत्ता पर काबिज नीतीश सरकार का सफाया होगा।
सीताराम येचुरी की रही महत्वपूर्ण भूमिका : माकपा। दूसरी ओर, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) के राज्य मुख्यालय में शुक्रवार को वरिष्ठ नेता सीताराम येचुरी की प्रथम पुण्यतिथि मनाई गई। इस अवसर पर नेताओं ने कहा कि सीताराम येचुरी माकपा का निधन माकपा के राष्ट्रीय महासचिव के पद पर रहते हुए हुआ। उन्होंने कहा कि आज की वर्तमान सामाजिक और राजनीतिक परिस्थिति में सीताराम येचुरी का नहीं रहना वामदलों समेत गठबंधन के लिए अपूरणीय क्षति है क्योंकि आईएनडीआईए को बनाने में उनकी भूमिका महत्वपूर्ण रही थी।
वहीं, भाकपा के राज्य सचिव रामनरेश पांडे एवं पूर्व विधान पार्षद संजय कुमार ने भी माकपा कार्यालय में आकर सीताराम येचुरी के तस्वीर पर पुष्प अर्पित कर श्रद्धांजलि दी। माकपा के राज्य सचिव ललन चौधरी ने कहा कि सीताराम येचुरी ने महासचिव पद पर रहते हुए अनेक आंदोलन का सफलतापूर्वक नेतृत्व किया। बिहार से उनका गहरा लगाव था।