ऑनलाइन ठगी से बचने के लिए राजस्थान पुलिस की चेतावनियाँ

Tina Chouhan

जयपुर। यदि आप ऑनलाइन शॉपिंग करते हैं तो सावधान। राजस्थान पुलिस की साइबर क्राइम शाखा ने एडवाइजरी जारी कर जानकारी दी है कि साइबर अपराधी अब विभिन्न ई-कॉमर्स प्लेटफार्म्स का नाम इस्तेमाल कर लोगों को ठग रहे हैं। ये ठग फर्जी वेबसाइट्स, वाट्सअप लिंक और नकली कस्टमर केयर के जरिए आम जनता की बैंक डिटेल्स और ओटीपी चुरा रहे हैं। डीआईजी साइबर क्राइम विकास शर्मा ने आमजन से अपील की है कि वे इन चार मुख्य धोखाधड़ी के तरीकों को पहचानें और ठगी से बचने के लिए तुरंत सुरक्षा के उपाय करें।

चार तरह से हो रही धोखाधड़ी साइबर अपराधी विभिन्न ई-कॉमर्स की फर्जी वेबसाइट या मोबाइल ऐप बनाकर लॉगिन या पेमेंट डिटेल्स चुरा रहे हैं। झूठे लकी ड्रा या अविश्वसनीय ऑफर्स के लिंक वाट्सअप या सोशल मीडिया पर भेजकर क्लिक करवाते हैं। ऑर्डर कैंसिल या रिफंड का नाटक कर कॉल किया जाता है और गोपनीय जानकारी जुटा लेते हैं। गूगल सर्च में फर्जी कस्टमर केयर नंबर डालकर लोगों को फंसाया जाता है। ठगी से बचने के लिए 5 जरूरी सुरक्षा उपाय ई-कॉमर्स कम्पनियों की अधिकृत वेबसाइट या उसके आधिकारिक मोबाइल ऐप का ही प्रयोग करें।

किसी भी व्यक्ति को अपना ओटीपी, पिन, बैंक अकाउंट या कार्ड नम्बर नहीं बताएं। किसी भी अज्ञात या संदिग्ध लिंक पर क्लिक नहीं करें। गूगल पर मिले कस्टमर केयर नंबरों पर भरोसा न करें, केवल ऐप-वेबसाइट में दिए गए आधिकारिक नम्बर का ही प्रयोग करें। इनाम या लकी ड्रा जैसे लुभावने ऑफर्स के झांसे में आकर अपनी व्यक्तिगत जानकारी साझा न करें।

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