चक्रवाती तूफान मोंथा का पूर्वी भारत पर भयंकर प्रभाव

vikram singh Bhati

बंगाल की खाड़ी से उठे चक्रवात मोंथा ने पूर्वी भारत को हिला कर रख दिया है। मंगलवार रात आंध्र प्रदेश के मछलीपट्टनम तट से टकराने के बाद यह कमजोर हो गया, लेकिन इसके प्रभाव से आधा भारत जलमग्न हो गया है। आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, ओडिशा, पश्चिम बंगाल, बिहार, झारखंड और उत्तर प्रदेश में तूफानी बारिश और तेज हवाओं ने जनजीवन को अस्त-व्यस्त कर दिया है। आंध्र प्रदेश में तूफान के सबसे गहरे निशान देखने को मिले हैं। यहां भारी बारिश और तेज हवाओं ने तबाही मचाई है।

दो लोगों की मौत हो चुकी है और डेढ़ लाख एकड़ में फैली फसलें पूरी तरह बर्बाद हो गई हैं। पेड़ उखड़ गए, बिजली के खंभे गिर गए और कई मकान ढह गए। तटीय इलाकों में सड़कों पर घुटनों तक पानी भर गया। राज्य के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने गुरुवार को हवाई सर्वेक्षण कर स्थिति का जायजा लिया। उन्होंने कहा कि सरकार ने समय पर 1.8 लाख लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचा दिया था, जिससे जानमाल का नुकसान कम हुआ। कोनासीमा जिले में सबसे ज्यादा नुकसान हुआ है।

यहां राहत शिविरों में हर परिवार को 25 किलो चावल, आवश्यक सामान और 3,000 रुपये नकद दिए जा रहे हैं। मोंथा का असर तेलंगाना में भी महसूस किया गया। वारंगल, जनगांव, हनुमाकोंडा, महबूबाबाद, सिद्दीपेट और यदाद्री भुवनगिरी जिलों में मौसम विभाग ने रेड अलर्ट जारी किया है। कई जगहों पर 40-50 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चलीं। नलगोंडा जिले के एक आवासीय स्कूल में 500 बच्चे और 26 कर्मचारी बारिश में फंस गए, जिन्हें बाद में सुरक्षित बाहर निकाला गया। महबूबाबाद जिले में रेल यार्ड डूब गया, जिससे कई ट्रेनें रद्द करनी पड़ीं।

ओडिशा सरकार के मंत्री पृथ्वीराज हरिचंदन ने चक्रवात मोंथा के बाद की स्थिति की समीक्षा कर नुकसान और राहत प्रयासों का आकलन किया। उन्होंने कहा कि कई इलाकों में भूस्खलन हुआ है और सड़कों को नुकसान पहुंचा है। आईएमडी ने चेतावनी दी है कि 31 अक्टूबर को बिहार और झारखंड में भारी से बहुत भारी बारिश हो सकती है। यूपी के पूर्वी जिलों में भी बिजली कड़कने और तेज हवाओं के साथ वर्षा की संभावना जताई गई है। लखनऊ समेत कई शहरों में गुरुवार सुबह से हल्की बूंदाबांदी शुरू हो गई है।

पश्चिम बंगाल में दार्जिलिंग, कालिम्पोंग, जलपाईगुड़ी और अलीपुरद्वार जिलों में भारी बारिश का रेड अलर्ट जारी किया गया है। भूस्खलन की आशंका को देखते हुए राज्य सरकार ने संदकफू को अस्थायी रूप से बंद कर दिया है। ओडिशा में गर्भवती महिलाओं को सुरक्षित ठिकानों पर भेजा गया है। गंजम और गजपति जिलों में 100 किमी प्रति घंटे तक की रफ्तार से हवाएं चलीं। समुद्र में ऊंची लहरों ने तटवर्ती गांवों को दहशत में डाल दिया। प्रशासन ने एहतियात के तौर पर 2,000 से ज्यादा गर्भवती महिलाओं को सुरक्षित प्रसूति गृहों में भर्ती कराया है।

ओडिशा मौसम केंद्र की निदेशक मनोरमा मोहंती के मुताबिक, गजपति जिले में 150 मिमी से अधिक बारिश दर्ज की गई है। उन्होंने चेताया कि शुक्रवार को भी कई इलाकों में भारी बारिश जारी रहेगी। दिल्ली में चक्रवात के चलते हवा की दिशा बदलने से प्रदूषण का स्तर खतरनाक हो गया है। वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 94 अंकों की छलांग लगाकर ‘बहुत खराब’ से ‘गंभीर’ श्रेणी में पहुंच गया है। दिल्ली-एनसीआर पर स्मॉग की मोटी परत छाई है।

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Vikram Singh Bhati is author of Niharika Times web portal