डीसीपीसीआर ने एएसआई से कहा, तुगलकाबाद झुग्गियों का विध्वंस रोकें

Sabal Singh Bhati
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नई दिल्ली, 18 जनवरी ()। तुगलकाबाद किला क्षेत्र के अंदर सभी अवैध कब्जाधारियों और अतिक्रमणकारियों को हटाने के लिए भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) के दिल्ली सर्किल द्वारा 11 जनवरी को जारी नोटिस का स्वत: संज्ञान लेते हुए दिल्ली बाल अधिकार संरक्षण आयोग (डीसीपीसीआर) ने बुधवार को नोटिस जारी कर विध्वंस अभियान स्थगित करने की सलाह दी।

आयोग ने चिंता जताई कि नोटिस जारी होने के 15 दिनों के भीतर क्षेत्र के बच्चों के लिए कोई राहत या पुनर्वास उपायों के बिना कानून के तहत विध्वंस या बेदखली सहित सभी कार्रवाई कैसे की जाएगी। इसने अभियान को तब तक के लिए स्थगित करने का आह्वान किया है, जब तक कि सभी बच्चों का पुनर्वास सुनिश्चित नहीं हो जाता।

एएसआई, दिल्ली सर्कल को भेजे गए नोटिस में कहा गया है, यह उल्लेख करना उचित है कि आदेश कई दुर्बलताओं से ग्रस्त है। यह बच्चों के पुनर्वास के किसी प्रयास या प्रावधान की बात नहीं करता है। दिल्ली के ऐसे चरम मौसम में इन परिवारों से आश्रय छीन लेना क्रूरता से कम नहीं है। इस निष्कासन अभियान के कारण स्कूल जा रहे बच्चे शिक्षा से वंचित हो जाएंगे। यह दुखद है कि पुरातत्व सर्वेक्षण बच्चों की भलाई के बारे में चिंतित नहीं है।

आगे कहा गया है, किशोर न्याय (बच्चों की देखभाल और संरक्षण) अधिनियम 2015 की धारा 75 के अनुसार, बच्चे के साथ कोई भी दुर्व्यवहार, जोखिम या जान-बूझकर उपेक्षा, जिससे बच्चे को मानसिक या शारीरिक पीड़ा हो सकती है, 3 साल की कैद या जुर्माना के साथ एक दंडनीय अपराध है। 1 लाख रुपये या दोनों का। इसके एवज में, दिल्ली बाल अधिकार संरक्षण आयोग बाल अधिकार संरक्षण आयोग अधिनियम, 2005 की धारा 130 और धारा 14 के तहत अपनी शक्तियों का प्रयोग करते हुए यह नोटिस जारी करता है। बच्चों के पुनर्वास के लंबित रहने तक विध्वंस को स्थगित करने की सलाह दी जाती है।

डीसीपीसीआर के अध्यक्ष अनुराग कुंडू ने कहा, उचित पुनर्वास उपायों के बिना छोटे बच्चों को बेदखल करना बुनियादी मानवाधिकारों का हनन है। हम एएसआई से बच्चों के कल्याण को सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक कदम उठाने का आग्रह करते हैं। हम स्थिति की बारीकी से निगरानी करना जारी रखेंगे।

डीसीपीसीआर ने एएसआई को यह भी निर्देश दिया है कि वह बच्चों के पुनर्वास के उपायों को सक्षम बनाने के लिए विभिन्न प्राधिकरणों को अपना पत्राचार प्रस्तुत करे।

एसजीके

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Sabal Singh Bhati is CEO and chief editor of Niharika Times