दिल्ली हाईकोर्ट ने शरजील इमाम की जमानत याचिका पर सुनवाई स्थगित की

Sabal Singh Bhati
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नई दिल्ली, 17 जनवरी ()। दिल्ली हाईकोर्ट ने मंगलवार को जेएनयू के छात्र शरजील इमाम की दो अलग-अलग याचिकाओं पर सुनवाई 30 जनवरी तक के लिए स्थगित कर दी, जिसमें देशद्रोह के आरोपों से जुड़े 2020 दंगों के मामले में नियमित जमानत और अंतरिम जमानत की मांग की गई थी।

जस्टिस सिद्धार्थ मृदुल और तलवंत सिंह की खंडपीठ भारतीय दंड संहिता की धारा 124ए (राजद्रोह) के तहत आरोपित मामले में अंतरिम जमानत की मांग वाली याचिका पर सुनवाई कर रही थी। इमाम के वकील ने कहा कि उन्हें एक अन्य मामले में जमानत दी गई है जहां भी राजद्रोह के आरोप थे।

हालांकि, अदालत ने कहा कि चूंकि याचिकाएं एक ही प्राथमिकी पर आधारित हैं, उन्हें एक साथ सुनना होगा, क्योंकि एक ही मुद्दे को एक से अधिक बार नहीं छेड़ा जा सकता।

पीठ ने कहा : आपकी दो अपीलें (निचली अदालत द्वारा नियमित जमानत और अंतरिम जमानत से इनकार के खिलाफ) एक ही प्राथमिकी के लिए लंबित हैं। हम उन्हें एक साथ सुनेंगे, आप एक ही मुद्दे को एक से अधिक बार नहीं उठा सकते। इसे इस तरह नहीं सुना जा सकता है।

इमाम के वकील ने अदालत को सूचित किया कि उनकी नियमित जमानत याचिका पर अप्रैल में सुनवाई होनी है और उन्होंने सुप्रीम कोर्ट द्वारा देशद्रोह के अपराध की संवैधानिक वैधता तय करने तक अंतरिम जमानत मांगी है।

अदालत ने कहा कि शीर्ष अदालत ने देशद्रोह के सभी आरोपितों को रिहा करने का आदेश नहीं दिया है। इसके अलावा, इस मामले में इमाम पर न केवल देशद्रोह, बल्कि और भी कई आरोप लगाए गए हैं।

अदालत ने कहा, दोनों (दलील) का अंतिम परिणाम एक ही है। आपके पास यह दोनों तरह से नहीं हो सकता। आज हमारे सामने दो जमानत याचिकाएं हैं। हम आपको आज और फिर बाद में नहीं सुन सकते। हम आपको एक साथ सुनेंगे। सुप्रीम कोर्ट ने कहीं नहीं कहा है कि आपको जमानत पर रिहा होना है।

इमाम के वकील ने यह भी कहा कि मामले में आरोप तय करने के संबंध में उनके मुवक्किल की याचिका भी लंबित है। अदालत ने मामले की सुनवाई अप्रैल के बजाय 30 जनवरी को सूचीबद्ध की।

केसी/एसजीके

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Sabal Singh Bhati is CEO and chief editor of Niharika Times