नई दिल्ली। दिल्ली उच्च न्यायालय ने चुनावों में ईवीएम के इस्तेमाल को चुनौती देने वाली याचिका खारिज कर दी है। चीफ जस्टिस डीके उपाध्याय की अध्यक्षता वाली बेंच ने कहा कि उच्चतम न्यायालय ऐसी याचिका को खारिज कर चुका है और दिल्ली उच्च न्यायालय भी पहले इस याचिका को खारिज कर चुका है। याचिका उपेन्द्र नाथ दलाई ने दायर की थी जिसमें चुनावों के दौरान ईवीएम के इस्तेमाल को चुनौती दी गई थी। याचिका में सभी चुनाव बैलट पेपर से कराने की मांग की गई थी।
सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार की ओर से पेश एएसजी चेतन शर्मा ने कहा कि अभी बहुत ज्यादा दिन नहीं हुए हैं, उच्च न्यायालय ने ही याचिकाकर्ता को इस बात के लिए फटकार लगाई थी कि वो बेबुनियाद आरोप लगा रहे थे। कोर्ट ने कहा था कि इस तरह कोर्ट का समय बर्बाद करने की इजाजत नहीं दी जा सकती है। इस मसले पर उच्चतम न्यायालय विराम लगा चुका है। तब कोर्ट ने याचिकाकर्ता से कहा कि आपको कोर्ट के आदेशों को पढ़कर आना चाहिए था, इस तरह बिना पढ़े नहीं आना चाहिए था।
कोर्ट की इतनी नसीहत के बावजूद याचिकाकर्ता अपनी मांग पर कायम रहे। उसके बाद अदालत ने याचिका खारिज करने का आदेश दिया। उच्चतम न्यायालय ने 26 नवंबर, 2024 को ईवीएम की बजाय मतपत्र से मतदान की मांग वाली याचिका को खारिज कर दिया था। जस्टिस विक्रम नाथ ने कहा कि जब चंद्रबाबू नायडू और जगन मोहन रेड्डी जैसे नेता चुनाव हार जाते हैं तो वे कहते हैं कि ईवीएम के साथ छेड़छाड़ हुई है लेकिन जब वो ही इसके जरिये चुनाव जीत जाते हैं तो फिर कुछ नहीं बोलते हैं। तब ईवीएम में कोई खामी नजर नहीं आती है।


