दिल्ली में लाल किले के पास सोमवार की शाम हुए कार धमाके ने पूरे देश को हिलाकर रख दिया है। इस घटना के बाद लगभग सभी राज्यों में अलर्ट जारी कर दिया गया है और धार्मिक स्थलों से लेकर भीड़भाड़ वाले इलाकों की सुरक्षा बढ़ा दी गई है। केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (CISF) ने पूरे देश में हाई अलर्ट जारी किया है, जिसमें हवाई अड्डे, दिल्ली मेट्रो, विरासत स्थल, सरकारी भवन और अन्य प्रमुख प्रतिष्ठान शामिल हैं। यह पहला मौका नहीं है जब दिल्ली में धमाका हुआ है।
इससे पहले भी कई बार देश की राजधानी में बड़े धमाके हुए हैं, जिनमें कई लोगों ने अपनी जान गंवाई है। इन धमाकों ने न केवल बेगुनाह जिंदगियां छीनीं, बल्कि शहर की सुरक्षा व्यवस्था पर भी सवाल उठाए। 21 मई 1996 को लाजपत नगर में एक बम धमाका हुआ था, जिसमें 13 लोग मारे गए और 83 घायल हुए। 1 अक्टूबर 1997 से 30 दिसंबर 1997 के बीच दिल्ली में लगातार छह विस्फोट हुए, जिनमें कुल 10 लोगों की मौत हुई और 200 से अधिक घायल हुए।
29 अक्टूबर 2005 को दिल्ली में तीन बम धमाके हुए, जिसमें 63 लोग मारे गए और 210 लोग घायल हुए। 13 सितंबर 2008 को पांच जगहों पर विस्फोट हुए, जिनमें करीब 30 लोगों की मौत हुई। 27 सितंबर 2008 को महरौली के फूल बाजार में एक टिफिन में रखा बम फटा, जिसमें 3 लोगों की मौत हुई और 23 लोग घायल हुए। 10 नवंबर 2025 को लाल किले के पास हुए धमाके में अब तक करीब 10 लोगों की मौत हो चुकी है। सुरक्षा एजेंसियां जांच में जुटी हैं।

