उत्तराखंड सरकार ने देवभूमि परिवार योजना को मंजूरी दी

देहरादून: उत्तराखंड सरकार ने राज्य के निवासियों के लिए एक व्यापक डेटाबेस तैयार करने और सरकारी योजनाओं का लाभ सीधे पहुंचाने के उद्देश्य से ‘देवभूमि परिवार योजना’ को सैद्धांतिक मंजूरी दे दी है। मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में यह अहम फैसला लिया गया। इसके साथ ही, आपदा प्रभावितों के लिए सहायता राशि बढ़ाने, कर्मचारियों से जुड़े मुद्दों के समाधान और कई प्रशासनिक प्रस्तावों पर भी मुहर लगाई गई। ‘देवभूमि परिवार योजना’ से हर परिवार को मिलेगी यूनिक आईडी कैबिनेट ने ‘देवभूमि परिवार योजना’ को लागू करने पर अपनी सैद्धांतिक सहमति प्रदान की है।

इस योजना का मुख्य उद्देश्य राज्य में रहने वाले सभी परिवारों का एक विस्तृत डेटाबेस तैयार कर उन्हें एक विशिष्ट परिवार पहचान संख्या (यूनिक फैमिली आईडी) प्रदान करना है। इस आईडी के माध्यम से विभिन्न सरकारी योजनाओं को लाभार्थी परिवारों से जोड़ा जाएगा, जिससे उन्हें योजनाओं का डायरेक्ट और ट्रांसपेरेंट फायदा मिल सकेगा। लाभार्थी एक क्लिक में देख सकेंगे कि वे किन योजनाओं के लिए एलिजिबल हैं और उन्हें कितनों का लाभ मिल चुका है।

आपदा प्रभावितों को बड़ी राहत, मुआवजा राशि बढ़ी प्रदेश में हाल ही में धराली समेत अन्य क्षेत्रों में आई आपदा से हुए नुकसान को देखते हुए मंत्रिमंडल ने सहायता राशि बढ़ाने का महत्वपूर्ण निर्णय लिया है। अब आपदा में किसी व्यक्ति की मृत्यु होने पर दी जाने वाली सहायता राशि 4 लाख से बढ़ाकर 5 लाख रुपये कर दी गई है। इसके अलावा, आपदा में क्षतिग्रस्त हुए पक्के आवासीय मकानों के लिए भी 5 लाख रुपये की सहायता दी जाएगी।

कच्चे मकानों के मामलों में, आपदा मद से निर्धारित राशि के अलावा मुख्यमंत्री राहत कोष से 1 लाख रुपये की अतिरिक्त धनराशि देने का फैसला हुआ है। व्यावसायिक प्रतिष्ठानों को हुए नुकसान का आकलन केस-टू-केस आधार पर किया जाएगा। कर्मचारियों के मुद्दों के लिए उप-समितियों का गठन कैबिनेट ने कर्मचारियों से जुड़े दो महत्वपूर्ण मामलों के समाधान के लिए मंत्रिमंडलीय उप-समितियों के गठन का निर्णय लिया है। 1.

उपनल कार्मिक: उत्तराखंड उच्च न्यायालय के आदेश का पालन करते हुए उपनल (उत्तराखण्ड पूर्व सैनिक कल्याण निगम) कार्मिकों को न्यूनतम वेतन और महंगाई भत्ता देने के संबंध में एक उप-समिति का गठन किया गया है। यह समिति सभी हितधारकों से बातचीत कर दो महीने के भीतर अपनी रिपोर्ट सौंपेगी। 2. संविदा कर्मी: दैनिक वेतन, इंचार्ज, संविदा और ऐड हॉक रूप से नियुक्त कार्मिकों के रेगुलेशन पर उच्च न्यायालय के आदेश का अनुपालन करने के लिए भी एक मंत्रिमंडलीय समिति का गठन किया गया है।

अन्य महत्वपूर्ण प्रशासनिक और वित्तीय निर्णय बैठक में कई अन्य प्रस्तावों को भी मंजूरी दी गई: खरीद मैनुअल में संशोधन: उत्तराखण्ड अधिप्राप्ति नियमावली, 2025 में संशोधन करते हुए अब टेंडर में बीड सिक्योरिटी के तौर पर बैंक गारंटी और एफडीआर के साथ-साथ ‘इंश्योरेंस सिक्योरिटी बॉन्ड’ को भी मान्यता दी गई है। शहरी स्वास्थ्य के लिए PMU: शहरी विकास निदेशालय के तहत एक पब्लिक हेल्थ प्रोजेक्ट मैनेजमेंट यूनिट (PMU) का गठन किया जाएगा। यह यूनिट 15वें वित्त आयोग के तहत स्थानीय निकायों में लोक स्वास्थ्य से जुड़ी नीतियों की निगरानी करेगी।

इसके लिए वरिष्ठ मेडिकल ऑफिसर समेत चार नए पद घोषित किए गए हैं। नए पदों का सृजन: Prison Administration and Correctional Services Department में एक सूचना टेक्नोलॉजी विंग के गठन के लिए दो सहायक कंप्यूटर ऑपरेटर और दो कंप्यूटर प्रोग्रामर के पदों को मंजूरी दी गई। साथ ही, वित्त विभाग में आउटसोर्स के माध्यम से वाहन चालक का एक अतिरिक्त पद क्रिएट किया जाएगा। UPNL का विस्तार: उपनल के मेमोरेंडम ऑफ एसोसिएशन में अमेंडमेंट को मंजूरी दी गई, ताकि पूर्व सैनिकों, उनके आश्रितों और युवाओं को विदेश में रोजगार दिलाने में मदद की जा सके।

इसके अतिरिक्त, कैबिनेट ने सेंट्रली स्पॉन्सर्ड हॉर्टिकल्चर मिशन के तहत पेंडिंग अनुदान राशि का भुगतान ‘मधुग्राम योजना’ से करने की स्वीकृति दी और विधानसभा के विशेष सत्र के अड्जॉर्नमेंट की अनुशंसा की। अंत में, मंत्रिमंडल ने उत्तराखंड स्थापना दिवस के रजत जयंती समारोह के सफल आयोजन के लिए सभी का आभार व्यक्त किया।

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Jaswant singh Harsani is news editor of a niharika times news platform
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