देईखेड़ा। क्षेत्र के छप्पनपुरा, ढगारिया, रेबारपुरा, पापड़ली, खोता, लक्ष्मीपुर और पचीपला गांवों को जोड़ने वाला ढगारिया नहर मार्ग पिछले सात वर्षों से खराब स्थिति में है। सड़क पर वर्षों से ग्रेवल नहीं डाला गया है, जिससे यह गड्ढों और कीचड़ से भरी हुई है। बरसात के बाद स्थिति और भी बिगड़ गई है, जिससे किसानों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। फसल तैयार है, लेकिन रास्ता मुसीबत बन गया है।
लगभग 3000 बीघा जमीन के किसानों की आजीविका इस मार्ग पर निर्भर है, लेकिन सड़क की जर्जर हालत के कारण खेतों से फसल निकालना कठिन हो गया है। छप्पनपुरा निवासी गिरिराज मीणा, ढगारिया के विष्णु कुमार, रेबारपुरा के सुरेश रायका, पापड़ली के भंवरसिंह और खोता के लेखराज सैनी ने बताया कि मार्ग पर इतने गहरे गड्ढे हैं कि ट्रैक्टर-ट्रॉली निकालना जोखिमभरा हो गया है। कई बार उपज से भरी ट्रॉली पलटने से किसानों को नुकसान उठाना पड़ा है। ग्रामीणों ने बताया कि वे बार-बार प्रशासन और जनप्रतिनिधियों को अवगत करा चुके हैं, लेकिन अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई।
किसानों का कहना है कि यदि शीघ्र ग्रेवल निर्माण नहीं कराया गया तो फसल को मंडी तक पहुंचाना चुनौती बन जाएगा। ग्रामीणों ने जिला प्रशासन से मांग की है कि ढगारिया नहर मार्ग का शीघ्र सुधार कार्य शुरू किया जाए, ताकि किसानों और ग्रामीणों को राहत मिल सके। इस मार्ग के माध्यम से क्षेत्र के कई गांवों को जोड़ने के साथ-साथ सैंकड़ों किसानों के खेतों में आवाजाही का एकमात्र रास्ता है। प्रशासन को प्राथमिकता से यहाँ सड़क निर्माण करवाना चाहिए। – के.सी. वर्मा, जिला परिषद सदस्य।


