चंडीगढ़, 20 मई ()। उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने शनिवार को छात्रों से अथक रूप से काम करने, अवसरों का लाभ उठाने और 2047 में नए भारत का खाका तैयार करने का आह्वान किया, जब देश अपनी आजादी की शताब्दी मना रहा है।
छात्रों को चुनौतियों से अवसर बनाने के लिए प्रोत्साहित करते हुए उन्होंने सुझाव दिया कि आपके दिमाग में एक शानदार विचार रखने से ज्यादा खतरनाक कुछ नहीं है। अपनी प्रतिभा को उजागर करके और अपनी क्षमता का दोहन करके विचारों पर अमल करें।
उपराष्ट्रपति पंजाब विश्वविद्यालय, चंडीगढ़ के 70वें वार्षिक दीक्षांत समारोह में मुख्य अतिथि थे।
समारोह के दौरान, उपराष्ट्रपति, जो पंजाब विश्वविद्यालय के कुलाधिपति भी हैं, ने प्रख्यात शिक्षिका और परोपकारी, डॉ. सुधा एन. मूर्ति को ऑनोरिस कॉसा (डॉक्टर ऑफ लिटरेचर) और भारत के पूर्व प्रधान न्यायाधीश और संसद सदस्य (राज्यसभा) रंजन गोगोई को ऑनोरिस कॉसा (डॉक्टर ऑफ लॉ) से सम्मानित किया।
उपराष्ट्रपति ने सभा को संबोधित करते हुए छात्रों को समाज की व्यापक भलाई में योगदान करने और सभी की भलाई के लिए काम करने की जिम्मेदारी की याद दिलाई।
उन्होंने कहा, राष्ट्र को हमेशा पहले रखने की गहरी भावना को सुनिश्चित करें और मन में पैदा करें।
राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 को गेम चेंजर बताते हुए उपराष्ट्रपति ने कहा कि सभी वर्गो के परामर्श के बाद विकसित की गई नीति शिक्षा को सभी स्तरों पर बदल रही है।
उन्होंने कहा कि हाल के वर्षो में प्रणालीगत सुधारों और सकारात्मक शासन उपायों ने समृद्ध लाभांश का भुगतान किया है और भारत, सबसे बड़ा कार्यशील लोकतंत्र, अवसर और निवेश का एक पसंदीदा वैश्विक गंतव्य और विश्व आर्थिक विकास में चमकता सितारा है।
भारत में डिजिटल परिवर्तन पर बात करते हुए उपराष्ट्रपति ने आईएमएफ को भारत के डिजिटल विकास को विश्व स्तरीय डिजिटल सार्वजनिक आधारभूत संरचना के रूप में मान्यता देने का उल्लेख किया, जो डिजिटल परिवर्तन के दौर से गुजर रहे अन्य देशों के लिए एक मॉडल के रूप में काम कर रहा है।
उन्होंने पीएम किसान सम्मान निधि, मुद्रा योजना आदि के माध्यम से प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण का भी उल्लेख किया, जो भारत के बदलते शासन मॉडल के प्रतिबिंब के रूप में है, जो चोरी के लिए कोई गुंजाइश नहीं देता है।
उपराष्ट्रपति ने कहा कि दीक्षांत समारोह का आयोजन पंजाब विश्वविद्यालय की पहली महिला कुलपति प्रोफेसर रेणु विग के नेतृत्व में किया जा रहा है।
उन्होंने इस बात की सराहना की कि पंजाब विश्वविद्यालय कुछ सबसे शानदार पूर्व छात्रों का घर है और उन्होंने विश्वविद्यालय के और विकास को उत्प्रेरित करने का आह्वान किया।
उन्होंने विदेशी विश्वविद्यालयों के साथ हस्ताक्षर किए गए विभिन्न समझौता ज्ञापनों और उच्च ऊर्जा अनुसंधान कार्यक्रम जैसी अंतर्राष्ट्रीय परियोजनाओं में इसकी भागीदारी को ध्यान में रखते हुए हमेशा उत्कृष्टता का पीछा करने के लिए विश्वविद्यालय की सराहना की।
अपनी यात्रा के दौरान उपराष्ट्रपति ने सीनेट सदस्यों, सिंडिकेट सदस्यों, छात्र संघ, शिक्षक संघ और पंजाब विश्वविद्यालय के गैर-शिक्षक संघ के साथ अलग-अलग बैठकें कीं।
इस अवसर पर पंजाब के राज्यपाल बनवारीलाल पुरोहित, हरियाणा के राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय, केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग राज्य मंत्री सोम प्रकाश, पंजाब के शिक्षा मंत्री हरजोत सिंह बैंस सहित अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।
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