DMK ने SIR के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की

vikram singh Bhati

चुनाव आयोग द्वारा मतदाता सूची का विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) मंगलवार से 9 राज्यों और तीन केंद्र शासित प्रदेशों में शुरू होने जा रहा है। इस प्रक्रिया के खिलाफ विपक्ष ने विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया है। पश्चिम बंगाल में 4 नवंबर को मुख्यमंत्री ममता बनर्जी सड़क पर उतरेंगी। वहीं, तमिलनाडु के सत्ताधारी दल द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (DMK) ने SIR के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। DMK के संगठन सचिव और वरिष्ठ नेता आर एस भारती ने पार्टी सांसद और वरिष्ठ वकील एनआर एलंगो के माध्यम से सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की।

मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने सोशल मीडिया पर पोस्ट किया कि सभी पार्टियों का कर्तव्य है कि वे एकजुट होकर SIR के खिलाफ आवाज उठाएं। उनका कहना है कि यह प्रक्रिया तमिलनाडु के लोगों के वोटिंग अधिकारों को छीनने और लोकतंत्र की हत्या करने के इरादे से जल्दबाजी में लागू की जा रही है। DMK ने एक दिन पहले CM स्टालिन की अध्यक्षता में हुई बैठक में वोटर लिस्ट वेरिफिकेशन के मुद्दे पर शीर्ष अदालत का रुख करने का निर्णय लिया था।

सीएम ने बैठक में भाग लेने वाली सभी पार्टियों को धन्यवाद दिया और जो लोग शामिल नहीं हुए, उनसे अपनी-अपनी पार्टियों में इस कदम पर चर्चा करने का आग्रह किया। मुख्यमंत्री स्टालिन ने चुनाव आयोग पर आरोप लगाया कि वह SIR के जरिए गलत काम को लागू करने की साजिश कर रहा है। उनका कहना है कि इस प्रक्रिया का मकसद असली मतदाताओं को हटाना है, खासकर उन लोगों को जिन्हें भाजपा का विरोधी माना जाता है, ताकि उन्हें विधानसभा चुनावों से पहले हटा दिया जाए। SIR प्रक्रिया 4 नवंबर से शुरू होगी और 4 दिसंबर तक चलेगी।

चुनाव आयोग 9 दिसंबर को मतदाता सूची का ड्राफ्ट जारी करेगा और अंतिम मतदाता सूची 7 फरवरी को प्रकाशित की जाएगी। उल्लेखनीय है कि चुनाव आयोग ने SIR के दूसरे चरण में आधार कार्ड को उन दस्तावेजों की सूची में शामिल किया है, जो लोगों को इन 12 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में जमा करने होंगे।

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Vikram Singh Bhati is author of Niharika Times web portal