सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में मरीज को भर्ती करने में न बरतें लापरवाही- ब्रजेश पाठक

Sabal Singh Bhati
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लखनऊ, 11 जनवरी ()। यूपी के उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने कहा कि सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में सभी रोगों से पीड़ितों को भर्ती किया जाये। अभी लगभग 90 फीसदी गर्भवती महिलाओं को भर्ती कर उपचार मुहैया कराया जा रहा है। बाकी बीमारी से पीड़ितों को बड़े अस्पतालों में भेजा जा रहा है। कहा कि सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में मरीज को भर्ती करने में लापरवाही न करें।

बुधवार को उप मुख्यमंत्री बृजेश पाठक ने कहा कि यूपी के सभी सीएमओ व सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र प्रभारियों को व्यवस्था में सुधार के निर्देश दिये हैं। प्रदेश में करीब 873 सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र हैं। इनमें लगभग 26 हजार बेड हैं। उप मुख्यमंत्री बृजेश पाठक ने कहा कि सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में लगातार सुविधाएं बढ़ाई जा रही हैं। डॉक्टरों की संख्या वृद्धि हुई है। नेशनल हेल्थ मिशन (एनएचएम) के तहत पैरामेडिकल स्टाफ व अन्य श्रेणी के कर्मचारी भर्ती किये जा रहे हैं। इसके बावजूद 30 बेड के अस्पताल में भर्ती रोगियों की संख्या नाकाफी है। ज्यादातर अस्पताल गर्भवती महिलाओं को भर्ती कर उपचार उपलब्ध करा रहे हैं।

कहा कि संक्रामक रोगियों को भर्ती किया जाए। उन्होंने बताया कि सांस के रोगियों को भी भर्ती किया जाये। अब तक ज्यादातर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में ऑक्सीजन की सुविधा को सु²ढ किया जा चुका है। ऑक्सीजन कन्सनट्रेटर पर्याप्त मात्रा में अस्पतालों में उपलब्ध हैं। ऑक्सीजन जनरेशन प्लांट भी कई अस्पतालों में लगाये गये हैं। पाइप लाइन के माध्यम से हर बेड पर ऑक्सीजन की सुविधा की गई है। बच्चों को भर्ती करने की भी सुविधा में इजाफा हुआ है। सुविधाये बढ़ी हैं। ऐसे में रोगियों को बेवजह दूसरे अस्पताल न भेंजे। यदि मरीज गंभीर है तो भी उसे भर्ती कर कम से कम प्राथमिक इलाज उपलब्ध करायें।

उप मुख्यमंत्री ने कहा कि सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में यदि भर्ती मरीजों की संख्या बढ़ेगी तो इसका फर्क प्रदेश के बड़े अस्पतालों में नजर आयेगा। वहां छोटी व सामान्य बीमारियों का इलाज कराने कम लोग आयेंगे। रोगियों को घर के निकट इलाज मिल सकेगा। गरीब मरीजों के आने जाने का खर्च बचेगा। समय पर इलाज मिलेगा। मर्ज के गंभीर होने की आशंका कम होगी। बड़े अस्पतालों में मरीजों का दबाव भी कम होगा।

कहा कि 167 जिला पुरुष व महिला अस्पताल हैं। 873 सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में मरीजों को इलाज मिल रहा है। 2934 प्राथमिक स्वास्थ केंद्र हैं।593 शहरी पीएचसी हैं।18580 हेल्थ पोस्ट सेंटर हैं।

विकेटी/एएनएम

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