मार्गशीर्ष अमावस्या पर दान देने से पितृ प्रसन्न होंगे

Kheem Singh Bhati

मार्गशीर्ष के महीने का हिंदू धर्म में विशेष महत्व है। इसमें आने वाली एकादशी, अमावस्या और पूर्णिमा का खास महत्व है। 20 नवंबर को मार्गशीर्ष अमावस्या है। इस दिन पवित्र नदी में स्नान करने और दान करने का नियम है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, मार्ग विशेष अमावस्या के दिन पूजा और दान करने से जीवन में किसी भी चीज की कमी नहीं होती। पितरों का आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए इस तिथि का महत्व है। इस दिन श्रद्धा के अनुसार कुछ चीजों का दान करें जिससे शुभ परिणाम मिलेंगे। पंचांग के अनुसार, 20 नवंबर को मार्गशीर्ष अमावस्या मनाई जाएगी।

इस तिथि की शुरुआत 19 नवंबर को सुबह 9:43 पर होगी और समापन 20 नवंबर को दोपहर 12:16 पर होगा। स्नान के बाद भगवान विष्णु और पितरों की पूजा करें। इसके बाद गरीबों या किसी मंदिर में चावल, गेहूं और काले तिल का दान करें। ऐसा करने से पितृ शांत होते हैं और उनकी कृपा से जीवन में सुख शांति बनी रहती है। यदि आप चाहते हैं कि पूर्वज प्रसन्न रहें, तो अमावस्या के दिन सुबह स्नान कर पितरों का ध्यान करें। साबुत उड़द और कंबल का दान करें।

इन चीजों का दान करने से केतु और राहु के अशुभ प्रभाव दूर होते हैं और शुभ फल मिलते हैं। पितरों की शांति के लिए तर्पण करना महत्वपूर्ण है। इस दिन पशु पक्षियों के लिए दाना डालें। ऐसा करने से जीवन में खुशियां आती हैं और समस्याएं दूर होती हैं। अमावस्या के दिन हमेशा पवित्र नदी में स्नान करें। दान पुण्य और तर्पण जरूर करें। किसी व्यक्ति के बारे में गलत विचार नहीं लाएं। तिल का दान करें और जरूरतमंदों को भोजन का दान अवश्य करें।

इस दिन काले रंग के कपड़े न पहनें और घर की सफाई का ध्यान रखें।

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