कहा जाता है कि दिन की शुरुआत कर्म से और अंत संयम से होनी चाहिए। हिंदू धर्म और वास्तु शास्त्र में दिन का हर समय अपनी ऊर्जा और प्रभाव के लिए जाना जाता है। सुबह शुभ कार्यों और पूजा-पाठ के लिए उत्तम मानी जाती है, जबकि शाम का समय देवताओं के विश्राम का होता है। इस दौरान की गई कुछ छोटी-छोटी गलतियां व्यक्ति के जीवन में धन हानि, कर्ज और समृद्धि में रुकावट का कारण बन सकती हैं।
शायद आपने भी कभी सुना होगा कि “शाम को तुलसी को जल नहीं चढ़ाना चाहिए” या “नमक का दान सूर्यास्त के बाद नहीं करना चाहिए।” ये सिर्फ परंपराएं नहीं, बल्कि वास्तु और ऊर्जाओं पर आधारित वैज्ञानिक मान्यताएं हैं। चलिए जानते हैं, शाम के वक्त किन तीन चीज़ों का दान नहीं करना चाहिए, ताकि घर में सुख-समृद्धि और लक्ष्मी जी की कृपा बनी रहे। 1. तुलसी का दान या जल अर्पण करना क्यों होता है अशुभ? वास्तु और धर्मशास्त्र दोनों के अनुसार, तुलसी माता को देवी लक्ष्मी का स्वरूप माना गया है।
सुबह तुलसी को जल देना और दीपक जलाना अत्यंत शुभ माना जाता है। लेकिन सूर्यास्त के बाद तुलसी को जल देना या उसका दान करना अशुभ फल देता है। शाम का समय तुलसी माता के विश्राम का होता है। इस समय उन्हें जल या दान देने से घर की सकारात्मक ऊर्जा कम होती है और आर्थिक स्थिति कमजोर हो सकती है। यही कारण है कि तुलसी पूजा हमेशा सूर्यास्त से पहले पूरी करनी चाहिए। अगर आप शाम को तुलसी के पास दीपक जलाते हैं, तो ध्यान रखें कि केवल घी का दीपक ही जलाएं और कोई जल अर्पण न करें।
2. दही का दान शाम के समय क्यों नहीं करना चाहिए? दही को भारतीय संस्कृति में शांति और शीतलता का प्रतीक माना गया है। इसे देवी अन्नपूर्णा का आशीर्वाद भी कहा गया है। लेकिन वास्तु शास्त्र के अनुसार, शाम के समय दही का दान करना या किसी को देना धन की कमी का कारण बन सकता है। शाम के समय सूर्य की ऊर्जा क्षीण होती है और दही ठंडा पदार्थ है। ऐसे में यह शरीर और घर दोनों की सकारात्मक ऊर्जा को ठंडा कर देता है।
वास्तु कहता है कि इससे घर की लक्ष्मी स्थिर नहीं रहती और बार-बार आर्थिक नुकसान का सामना करना पड़ सकता है। अगर आपको किसी को भोजन देना ही है, तो दही की जगह दूध या मिठाई दे सकते हैं, यह शुभ फल देता है। 3. नमक का दान सूर्यास्त के बाद बिल्कुल न करें नमक का सीधा संबंध जीवन की स्थिरता और स्वाद से होता है। जिस प्रकार नमक भोजन का स्वाद बढ़ाता है, उसी तरह यह हमारे जीवन की ‘मिट्टी’ यानी आर्थिक और मानसिक स्थिरता से जुड़ा होता है।
वास्तु के अनुसार, शाम के समय नमक का दान करने से घर की समृद्धि चली जाती है। शाम को नमक दान करना यानी घर से स्थिरता को बाहर भेजना। यह केवल आर्थिक नुकसान ही नहीं, बल्कि परिवार में मतभेद और कर्ज जैसी स्थितियां भी पैदा कर सकता है। यदि किसी कारणवश नमक देना ही पड़े, तो सुबह या दोपहर में दें, इससे शुभता बनी रहती है और लक्ष्मी जी की कृपा स्थिर रहती है।
वास्तु शास्त्र के अनुसार शाम के समय क्या करें और क्या न करें शाम को दीपक जलाएं: विशेषकर तुलसी के पास घी का दीपक, यह घर में धन की स्थिरता लाता है। भगवान विष्णु या लक्ष्मी जी का नाम जपें: यह मन को शांति और आर्थिक सुरक्षा देता है। झाड़ू और कूड़ा फेंकने से बचें: शाम को झाड़ू लगाना या कूड़ा बाहर निकालना धन की हानि का कारण बन सकता है। शाम को घर के दरवाज़े बंद न करें: कुछ देर खुला रखें, ताकि शुभ ऊर्जा प्रवेश कर सके।
धन हानि और वास्तु दोष का सीधा संबंध अगर आप यह महसूस कर रहे हैं कि घर में लगातार आर्थिक संकट, खर्च बढ़ना या मन में बेचैनी बनी रहती है, तो संभव है कि कहीं न कहीं वास्तु दोष हो। ऐसी स्थिति में सबसे पहले अपने दान और भोजन से जुड़ी आदतों को जांचें। शाम को तुलसी को जल देना, नमक देना या दही का दान करना ये सब छोटी बातें लगती हैं, लेकिन वास्तु की दृष्टि से ये आर्थिक स्थिरता को प्रभावित कर सकती हैं।
इन गलतियों को सुधारने के बाद अक्सर लोगों ने अपने जीवन में धन की रुकावटों में सुधार और सकारात्मक ऊर्जा में वृद्धि महसूस की है। घर की समृद्धि बनाए रखने के लिए सरल उपाय हर दिन शाम को घर के मुख्य द्वार पर दीपक जलाएं। तुलसी माता के पास जल चढ़ाने की बजाय केवल दीपक जलाएं। घर में कपूर या गूगल की धूप करें, इससे नकारात्मकता दूर होती है। रात को सोने से पहले लक्ष्मी जी के मंत्र “ॐ श्रीं महालक्ष्म्यै नमः” का जप करें।
सप्ताह में एक बार घर की सफाई करते समय नमक मिले पानी से पोंछा लगाएं, इससे नकारात्मक ऊर्जा समाप्त होती है।

