जयपुर। राजस्थान पुलिस कानि. भर्ती परीक्षा में बायोमेट्रिक जांच के दौरान एक बड़ा खुलासा हुआ। परीक्षा देते वक्त एक अभ्यर्थी की पहचान पूर्व में दूसरे नाम से बायोमेट्रिक उपयोग में लेने पर हुई, जिसके बाद पुलिस ने उसे रंगे हाथ पकड़ा। पुलिस उपायुक्त जयपुर पश्चिम हनुमान प्रसाद मीणा ने बताया कि हरमाड़ा परीक्षा केन्द्र पर रोल नम्बर 310083555 के अभ्यर्थी समुन्द्र सिंह को बायोमेट्रिक व फोटो मिलान में संदिग्ध पाया गया। जांच में सामने आया कि इसी अभ्यर्थी ने पूर्व में अपने दोस्त विकास के स्थान पर Pre D.El.Ed. Examination, 2025 दी थी।
एआई तकनीक से डमी अभ्यर्थियों का खुलासा होने के बाद आरोपी से गहन पूछताछ की गई। जांच में प्रमाणित हुआ कि समुन्द्र सिंह ने 1 जून 2025 को विकास की जगह परीक्षा दी थी। इस मामले में पुलिस थाना गांधीनगर, जयपुर पूर्व पर जीरो नम्बर एफआईआर दर्ज कर कार्रवाई की गई है। दर्ज मुकदमा आरोपी पर बीएनएस 2023 की धारा 319(2), 318(4), 338, 336(3), 340(2), 61 (2) एवं राजस्थान परीक्षा अनुचित साधनों की रोकथाम अधिनियम 2022 की धाराओं 3, 4, 6, 7, 10 के तहत मामला दर्ज हुआ है। अभ्यर्थियों का विवरण 1.
समुन्द्र सिंह पुत्र रामजीलाल गुर्जर, उम्र 26 वर्ष, निवासी ग्राम बिरजा का पुरा, पोस्ट कोटपुरा, थाना मनिया, जिला धौलपुर। वर्तमान में किरायेदार – मकान नं. 165, पद्मावती ए, मानसरोवर, जयपुर। 2. विकास पुत्र अवतार सिंह, निवासी ग्राम भधियाना, थाना सैपऊ, जिला धौलपुर। पुलिस आयुक्त जयपुर बीजू जॉर्ज जोसेफ व अतिरिक्त पुलिस आयुक्त प्रथम मनीष अग्रवाल ने कहा कि प्रतियोगी परीक्षाओं में डमी अभ्यर्थियों और चालानशुदा अपराधियों पर सख्त निगरानी रखी जा रही है। एआई तकनीकी की मदद से अब ऐसे फर्जी अभ्यर्थी तुरंत पकड़े जा सकेंगे।