जयपुर। मत्स्य एवं गृह राज्य मंत्री जवाहर सिंह बेढम ने कहा कि मत्स्य विभाग में नवीन ई-ऑक्शन पोर्टल एवं आईईसी सामग्री के ऑनलाइन होने से विभाग की कार्यप्रणाली में सुधार होगा। उन्होंने बताया कि अब ई-ऑक्शन पोर्टल के माध्यम से मत्स्य ठेके की बोली लगाने, ठेका राशि जमा कराने, अनुज्ञापत्र जारी करने इत्यादि कार्य विभाग की देखरेख में ऑनलाइन होगें।
सचिवालय स्थित मंत्रालयिक भवन में विश्व मत्स्य दिवस के अवसर पर मत्स्य विभाग की ओर से एनईएमएल के माध्यम से विकसित कराए गए नवीन ई-ऑक्शन पोर्टल एवं लाईसेंस मैनेजमेंट सिस्टम तथा विभाग की ओर से तैयार कराई गई प्रचार सामग्री का शुक्रवार को मत्स्य एवं गृह राज्य मंत्री बेढम ने लोकार्पण करते हुए कहा कि अब मत्स्य विभाग के काम भी ऑनलाइन किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि अब ई-ऑक्शन पोर्टल के माध्यम से मत्स्य ठेके की बोली लगाने, ठेका राशि जमा कराने, अनुज्ञापत्र जारी करने इत्यादि कार्य विभाग की देख रेख में ऑनलाइन होगें।
शुरुआत में क एवं ख श्रेणी के जलाशयों के ठेके : शुरूआत में विभाग के ठेके से शेष क एवं ख श्रेणी के जलाशयों के ठेके की कार्रवाई ई-ऑक्शन पोर्टल के माध्यम से की जाएगी। आगामी वर्ष से विभाग के ग एवं घ श्रेणी जलाशयों के मत्स्य ठेके की कार्रवाई भी इसी पोर्टल के माध्यम से किए जाने की योजना है। इस अवसर पर मत्स्य एवं पशुपालन विभाग के शासन सचिव डॉ. समित शर्मा ने कहा कि इस पोर्टल के माध्यम से सम्पूर्ण ठेका प्रक्रिया पूर्ण पारदर्शिता एवं निर्धारित समयानुसार की जा सकेगी।
इसके अलावा ठेका प्रक्रिया में लगने वाले समय में भी बचत होगी। उन्होंने बताया कि वर्ष 2025-26 में ठेके से शेष रहे क एवं ख श्रेणी जलाशयों का श्रेणीवार एवं जिलेवार विवरण, इनकी आरक्षित दरे एवं निविदा संबंधी दस्तावेज पोर्टल पर अपलोड किए जा चुके हैं। मत्स्य विभाग की निदेशक संचिता बिश्नोई ने बताया कि ठेका प्रक्रिया में भाग लेने से पूर्व इच्छुक बोलीदाताओं का पोर्टल पर पंजीकरण किया जा रहा है।
प्रचार सामग्री का किया लोकार्पण : इस अवसर पर बेढम ने विभाग द्वारा संचालित भारत सरकार की प्रधानमत्री मत्स्य सम्पदा योजना, प्रधानमंत्री मत्स्य किसान समृद्धि सह योजना के पैम्पलेट, पोस्टर, बुकलेट इत्यादि का भी लोकार्पण किया। इन सभी प्रचार सामग्री का वितरण राज्य के समस्त विभागीय कार्यालयों को किया जाएगा जिससे आमजन इन योजनाओं की जानकारी लेकर लाभान्वित हो सकेंगे। प्रचार सामग्री में खारे पानी में झींगा पालन, केज कल्चर, आरएएस एवं बायोफ्लॉक तकनीक की जानकारी एवं मत्स्य पालन से संबंधित सामान्य ज्ञान बुकलेट भी तैयार कराई गई है।


