ई-पासपोर्ट जारी करने की प्रक्रिया शुरू: विदेश मंत्रालय

Sabal SIngh Bhati
By Sabal SIngh Bhati - Editor

नई दिल्ली। विदेश मंत्रालय ने बुधवार को घोषणा की कि अब से सभी पासपोर्ट ई-पासपोर्ट होंगे, जिनमें रेडियो फ्रीक्वेंसी आइडेंटिफिकेशन (आरएफआईडी) चिप और एंटीना शामिल होंगे, ताकि नागरिकों की जानकारी अंतरराष्ट्रीय नागरिक उड्डयन संगठन (आईसीएओ) के मानकों के अनुसार सुरक्षित रहे। मंत्रालय ने बताया कि यह कदम पासपोर्ट सेवा कार्यक्रम पीएसपी वी2.0 के साथ जुड़ा एक महत्वपूर्ण पड़ाव है, जो देशभर में पासपोर्ट सेवाओं को आधुनिक, सुरक्षित और तेज बनाने की दिशा में उठाया गया है। विदेश मंत्रालय ने अपने पासपोर्ट सेवा कार्यक्रम (पीएसपी वी2.0), ग्लोबल पासपोर्ट सेवा कार्यक्रम (जीपीएसपी वी2.0) और ई-पासपोर्ट के सफल क्रियान्वयन की घोषणा की।

इन पहलों से पासपोर्ट सेवाएं अब और अधिक तेज, पारदर्शी और डिजिटल रूप से एकीकृत हो गई हैं। मंत्रालय के अनुसार, पीएसपी वी2.0 को 26 मई 2025 को देशभर के 37 पासपोर्ट कार्यालयों, 93 पासपोर्ट सेवा केन्द्रों (पीएसके) और 450 डाकघर पासपोर्ट सेवा केन्द्रों (पीओपीएसके) में सफलतापूर्वक लागू किया गया। इसके बाद जीपीएसपी वी2.0 को 28 अक्टूबर 2025 से विश्वभर में भारतीय दूतावासों और वाणिज्य दूतावासों में शुरू किया गया। नया पीएसपी वी2.0 एक डिजिटल रूप से एकीकृत पारिस्थितिकी तंत्र है, जो पासपोर्ट सेवाओं से जुड़े सभी हितधारकों को जोड़ता है।

इसमें एआई (एआई) आधारित चैट व वॉइस बॉट्स की सुविधा दी गई है ताकि नागरिक आवेदन प्रक्रिया या शिकायतों के दौरान तत्काल सहायता प्राप्त कर सकें। नया पोर्टल और मोबाइल ऐप अब और भी उपयोगकर्ता-अनुकूल हैं, जिनमें ऑटो-फिल फॉर्म, आसान दस्तावेज अपलोड, तथा यूपीआई और क्यूआर कोड से ऑनलाइन भुगतान जैसी सुविधाएं शामिल हैं। विदेश मंत्रालय ने ई-पासपोर्ट को इस पहल का सबसे बड़ा तकनीकी नवाचार बताया है। ई-पासपोर्ट एक हाइब्रिड पासपोर्ट है, जिसमें कागज और इलेक्ट्रॉनिक दोनों तत्व शामिल हैं।

इसमें लगी आरएफआईडी चिप और एंटीना पासपोर्ट धारक की महत्वपूर्ण जानकारी को अंतरराष्ट्रीय नागरिक उड्डयन संगठन (आईसीएओ) के मानकों के अनुसार संग्रहित करते हैं। चिप में वही जानकारी इलेक्ट्रॉनिक रूप से संग्रहीत रहती है जो पासपोर्ट के डेटा पृष्ठ पर मुद्रित होती है। मंत्रालय ने स्पष्ट किया कि भविष्य में जारी होने वाले सभी पासपोर्ट ई-पासपोर्ट के रूप में होंगे, जबकि पुराने गैर-इलेक्ट्रॉनिक पासपोर्ट उनकी वैधता अवधि समाप्त होने तक मान्य रहेंगे। विदेश मंत्रालय ने कहा कि यह कदम भारत सरकार की नागरिक सुविधाओं को डिजिटल और सुरक्षित बनाने की नीति को आगे बढ़ाता है।

ई-पासपोर्ट की शुरूआत न केवल सुरक्षा और डेटा संरक्षण को मजबूत करेगी, बल्कि अंतरराष्ट्रीय यात्रा को भी अधिक तेज, सुरक्षित और सुविधाजनक बनाएगी।

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