नई दिल्ली, 15 मार्च ()। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मंगलवार को कहा कि उसने सीमेंस परियोजना के कार्यान्वयन के लिए संवितरित आंध्र प्रदेश सरकार के करोड़ों रुपये के दुरुपयोग से जुड़े एक मामले में चार लोगों को गिरफ्तार किया है।
सीमेंस प्रोजेक्ट के जरिए आंध्र प्रदेश सरकार का लक्ष्य युवाओं को उन्नत सॉफ्टवेयर और तकनीकी कौशल प्रदान करना है।
गिरफ्तार किए गए लोगों की पहचान सौम्यद्री शेखर बोस उर्फ सुमन बोस, सीमेंस इंडस्ट्री सॉफ्टवेयर इंडिया प्राइवेट लिमिटेड (एसआईएसडब्ल्यू) के पूर्व एमडी, विकास विनायक खानवेलकर (डिजाइनटेक सिस्टम्स प्राइवेट लिमिटेड के एमडी), मुकुल चंद्र अग्रवाल, पूर्व वित्तीय सलाहकार और स्किलर एंटरप्राइजेज इंडिया प्राइवेट लिमिटेड के अधिकृत हस्ताक्षरकर्ता और चार्टर्ड एकाउंटेंट सुरेश गोयल के रूप में हुई है।
अधिकारी ने कहा कि सभी आरोपियों को विशाखापत्तनम में एक विशेष पीएमएलए अदालत में पेश किया गया, जिसने उन्हें सात दिन की हिरासत में भेज दिया।
अधिकारी ने कहा कि संदिग्ध तरीके से 241 करोड़ रुपये की सरकारी धन की हेराफेरी के संबंध में आंध्र प्रदेश सीआईडी द्वारा दर्ज एक प्राथमिकी के आधार पर पीएमएलए जांच शुरू की गई थी।
ईडी की जांच में स्किलर एंटरप्राइजेज इंडिया प्राइवेट लिमिटेड के माध्यम से डिजाइनटेक सिस्टम्स प्राइवेट लिमिटेड को दिए गए सरकारी धन की हेराफेरी और उसके बाद बिना किसी वास्तविक आपूर्ति के सॉफ्टवेयर, हार्डवेयर, सेवाओं की आपूर्ति की आड़ में शेल कंपनियों की एक वेब के माध्यम से खुलासा हुआ।
ईडी ने कहा, पीएमएलए के तहत जांच से पता चला है कि धन के इस तरह के डायवर्जन का उद्देश्य नकदी उत्पन्न करना था और इस तरह सीमेंस परियोजनाओं के लिए इसका उपयोग किए बिना सिस्टम से धन की निकासी करना था, जिसके लिए आंध्र प्रदेश सरकार द्वारा धन स्वीकृत किया गया था। अब तक की जांच के दौरान करीब 70 करोड़ रुपये के मनी ट्रेल का पता चला है।
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