वीआईपी नंबरों के घोटाले में ईडी की कार्रवाई संभव

Tina Chouhan

जयपुर। परिवहन एवं सड़क सुरक्षा विभाग की ओर से तीन अक्षरों वाली पुरानी पंजीयन सीरीज के करीब 8500 वीआईपी नंबरों के बैकलॉग मामले में ईडी कार्रवाई कर सकती है। ईडी की ओर से इन वाहनों के दस्तावेज खंगाले जा रहे हैं। इस मामले में करीब 500 करोड़ रुपए का घोटाला होने की बात सामने आई है। जयपुर आरटीओ प्रथम ने भी इन वाहनों की आरसी निलंबित करने की तैयारी शुरू कर दी है। परिवहन मुख्यालय ने जयपुर आरटीओ प्रथम को 2,129 वाहनों की सूची जांच के लिए दी थी।

इनमें से 1,855 वाहन जयपुर आरटीओ प्रथम क्षेत्राधिकार में पंजीकृत पाए गए थे। इनमें से 439 वाहनों का आरटीओ कार्यालय में रिकॉर्ड ही बरामद नहीं हुआ। जिन 1,369 वाहनों का रिकॉर्ड पाया गया, उनमें से 395 वाहनों में कई तरह की गड़बड़ियां पाई गई थीं। कई वाहनों के पंजीकरण रिकॉर्ड उपलब्ध नहीं मिले, जबकि कुछ में गलत बैकलॉग प्रविष्टियां, विवरण परिवर्तन, रिकॉर्ड गुम होना या जाली कागजों के आधार पर वैधता बढ़ाई गई थी। कई वाहनों में तो मूल रिकॉर्ड में यजदी को बैकलॉग में बुलेट 350 सीसी बना दिया गया।

इसी प्रकार सात सरकारी वाहन जो नष्ट हो चुके, उनका भी बैकलॉग कर दिया गया। जांच रिपोर्ट में किसी दोपहिया वाहन की कम्पनी बदल दी गई तो किसी दोपहिया वाहन को चौपहिया श्रेणी में बैकलॉग कर दिया गया। इस संबंध में थाने में दर्ज एफआईआर में भी कुछ कर्मचारियों की गिरफ्तारी हो चुकी है। परिवहन विभाग ने प्रदेशभर में जारी थ्री डिजिट के 8500 नंबरों की जांच की। इनमें से 50 प्रतिशत से अधिक फर्जी हैं। इनमें कई राजनेताओं और अधिकारियों के भी नाम सामने आने की संभावना है।

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