नई दिल्ली। कांग्रेस ने मतदाता सूची पुनरीक्षण को बेवजह की कवायद बताते हुए कहा कि चुनाव आयोग ने यह पूरा खेल भारतीय जनता पार्टी के इशारे पर किया है और आरोप लगाया है कि इस अभियान का मकसद सिर्फ भाजपा और उसके सहयोगी दलों को चुनावी फायदा पहुंचाना है। कांग्रेस संचार विभाग के प्रभारी जयराम रमेश ने एक बयान में कहा कि चुनाव आयोग ने मतदाता सूची पुनरीक्षण (एसआईआर) का पूरा खेल ही भाजपा के इशारे पर रचा है। अंतिम एसआईआर में निर्वाचन आयोग के सुधार के दावे भी गलत साबित हो रहे हैं।
बिहार के सभी इलाकों से ऐसी खबरें आ रही हैं, जो इस बात की पुष्टि करती हैं कि पूरी प्रक्रिया का मकसद भाजपा तथा उसके मित्र दलों को राजनीतिक लाभ पहुंचाना है। रमेश ने कहा कि मतदाता सूची पुनरीक्षण प्रक्रिया के बाद अंतिम सूची में भी तमाम गड़बड़ियों के मामले बताते हैं कि चुनाव आयोग को उच्चतम न्यायालय के स्पष्ट आदेशों की भी कोई परवाह नहीं है। भाजपा की बी टीम के रूप में काम कर रहा चुनाव आयोग पूरी तरह से अनैतिक काम करने पर उतर चुका है।
उन्होंने सवाल किया कि क्या मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार इसका जवाब देंगे कि एक घर में 247 मतदाता कैसे पाए गए और एक व्यक्ति का नाम एक ही बूथ पर तीन-तीन जगह क्यों है। अंतिम मतदाता सूची में इतनी बड़ी गड़बड़ियां कैसे सामने आ रही हैं। सवाल यह भी है कि क्या आयोग पहले की तरह इन सवालों पर भी चुप्पी साधे रहेगा। चिंता की बात यह है कि कुछ विधानसभा क्षेत्रों में मतदाताओं के नाम कटने की संख्या पिछले चुनावों में जीत के अंतर से अधिक है।
कांग्रेस नेता ने आयोग को भाजपा की कठपुतली बताते हुए कहा- हमने पहले दिन से कहा है कि भारत का चुनाव आयोग पूरे देश का है और उसे सत्ताधारी दल की कठपुतली की तरह नहीं दिखना चाहिए। वर्तमान चुनाव आयोग की लचर कार्यप्रणाली और राजनीतिक झुकाव वाली नीतियों से भारत के लोकतंत्र और हमारी अंतरराष्ट्रीय छवि पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है। हम एक बार फिर दोहरा रहे हैं कि चुनाव आयोग को जल्दबाजी में भाजपा को मदद करने के लिए शुरू की गई एसआईआर प्रक्रिया को पूरा करने की बजाय निष्पक्ष रूप से काम करना चाहिए।