जयपुर। राजस्थान अब इलेक्ट्रिक बस निर्माण में आत्मनिर्भर बनने की दिशा में कदम बढ़ा रहा है। रीको ने पीएमआई इलेक्ट्रो मोबिलिटी सॉल्यूशंस प्राइवेट लिमिटेड को घीलोठ औद्योगिक क्षेत्र में 2,65,329 वर्गमीटर (65.56 एकड़) भूमि आवंटन के लिए 14 अक्टूबर 2025 को ऑफर लेटर जारी किया है। इस भूमि का मूल्य लगभग 208 करोड़ रुपए है। कंपनी राज्य में 1200 करोड़ रुपए का निवेश कर 500 से अधिक लोगों को रोजगार प्रदान करेगी।
इलेक्ट्रिक कमर्शियल वाहनों के निर्माण में अग्रणी पीएमआई कंपनी देश के 31 शहरों में 2000 से अधिक इलेक्ट्रिक बसों का संचालन कर रही है तथा मुंबई बेस्ट के साथ 400 करोड़ रुपए का अनुबंध भी कर चुकी है। अब कंपनी राजस्थान में इलेक्ट्रिक बसें, बस बॉडी, बैटरी, मोटर, वायर हार्नेस और स्पेयर पार्ट्स का उत्पादन करेगी। कंपनी की घीलोठ इकाई की वार्षिक उत्पादन क्षमता 33,000 यूनिट्स (15,000 ईवी बसें, 6,000 एमसीवी और 12,000 एलसीवी) होगी। प्रथम वर्ष में यह 40 प्रतिशत क्षमता से उत्पादन प्रारंभ करेगी, जो छह वर्षों में बढ़कर 100 प्रतिशत तक पहुंच जाएगी।
प्रथम वर्ष में 6,180 करोड़ रुपए का टर्नओवर लक्ष्य है, जो छठे वर्ष में बढ़कर 15,450 करोड़ रुपए तक होगा। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के अनुसार राइजिंग राजस्थान के तहत किए गए 35 लाख करोड़ रुपए के एमओयू में से 7 लाख करोड़ रुपए के निवेश पहले ही धरातल पर उतर चुके हैं। राजस्थान अब देश में सबसे तेज गति से निवेश आकर्षित करने वाला राज्य बन गया है। उन्होंने कहा कि इलेक्ट्रिक बस निर्माण की यह पहली इकाई राज्य के औद्योगिक और पर्यावरणीय विकास में बेहतर साबित होगी तथा भविष्य में अन्य निवेशकों के लिए भी प्रेरणा बनेगी।


