जयपुर। राजस्थान हाईकोर्ट ने एसआई भर्ती-2021 पेपर लीक मामले में 39 बार प्रभावी सुनवाई करने के बाद अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है। यह आदेश जस्टिस समीर जैन की एकलपीठ ने कैलाश चन्द्र शर्मा एवं अन्य की याचिका पर सुनवाई करते हुए दिए। याचिका में वरिष्ठ अधिवक्ता आरपी सिंह और अधिवक्ता हरेन्द्र नील ने तर्क दिया कि भर्ती परीक्षा की शुचिता तीन स्तरों पर प्रभावित हुई है। उन्होंने बताया कि आरपीएससी के स्तर पर तत्कालीन आयोग सदस्य ने पेपर लीक किया, परीक्षा केन्द्र से भी पेपर लिए गए और डमी परीक्षार्थियों को बैठाया गया। पेपर लीक होने के बाद इसका वितरण पूरे प्रदेश में किया गया, जिससे चयनित अभ्यर्थियों में से उन लोगों की छंटनी संभव नहीं है, जिन्होंने इस लीक का फायदा उठाया। एसओजी, कैबिनेट सब कमेटी और महाधिवक्ता ने भी अपनी पहली रिपोर्ट में इस बात को स्वीकार किया है। इस आधार पर याचिकाकर्ताओं ने भर्ती परीक्षा को रद्द करने की मांग की। राज्य सरकार की ओर से महाधिवक्ता राजेन्द्र प्रसाद और एएजी विज्ञान शाह ने इसका विरोध करते हुए कहा कि जांच में 68 ट्रेनी दोषी पाए गए हैं, जिनमें से 54 को गिरफ्तार किया गया है, जबकि आठ आरोपी अभी भी फरार हैं। कैबिनेट सब कमेटी ने हाल ही में भर्ती रद्द नहीं करने की सिफारिश की है, जिसे मुख्यमंत्री स्तर पर स्वीकार किया गया है। इस स्थिति में याचिकाओं को खारिज करने की मांग की गई। चयनित अभ्यर्थियों की ओर से अधिवक्ता तनवीर अहमद ने कहा कि एसओजी ने विस्तृत जांच की है और दोषियों पर कार्रवाई की गई है, जबकि चयनित अभ्यर्थियों पर कोई कार्रवाई नहीं हुई है।