कोटा में एक्सपायरी फूड प्रोडक्ट्स की बिक्री से ग्राहकों की सेहत को खतरा

Tina Chouhan

कोटा। तेजी से बदलती जीवनशैली में जहां हर कोई समय बचाने के लिए रेडी-टू-ईट्स पैकेज फूड की ओर रुख कर रहा है, वहीं यही सुविधा अब सेहत के लिए खतरा बनती जा रही है। शहर के कई स्थानों खासकर बड़े मॉल, रोडवेज बस स्टैंड और रेलवे स्टेशन के आस-पास एक्सपायरी डेट निकल चुके फूड पैकेट धड़ल्ले से बिक रहे हैं। इनमें मैगी, ओट्स, बिस्किट और कुरकुरे जैसे पैक्ड फूड, जो हर घर में बच्चों से लेकर बड़ों तक की पसंद हैं, अब मिलावट और एक्सपायरी की मार झेल रहे हैं।

बाजार में इनका ट्रेंड बढ़ता जा रहा है, लेकिन इसके साथ ही जिम्मेदारों की अनदेखी के चलते लोगों के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ भी हो रहा है। वहीं दूसरी और सीएमएचओ टीम त्योहारी सीजन को देखते हुए लगातार कार्यवाही कर रही है। टीम ने पिछले चार दिनों में यूज्ड आॅयल, 20 किलो मसाला, 150 किलो पनीर तथा 30 किलो आॅयल नष्ट करवाया है। वहीं सोमवार को खाद्य सुरक्षा टीम ने सुल्तानपुर, ईटावा व खातौली में निरीक्षण किया है।

जब नवज्योति रिपोर्टर ने शहर के प्रमुख स्थानों दशहरा मेला, तलवंडी, गुमानपुरा, रेलवे स्टेशन और रोडवेज बस स्टैंड पर जाकर देखा तो बिस्किट, नूडल्स के पैकेटों पर एक्सपायरी डेट महीनों पहले की निकल चुकी थी। कुछ पर मार्किंग तक मिटी हुई थी ताकि ग्राहक पहचान न सकें। छोटे दुकानों से लेकर बड़े मॉल तक त्योहारी सीजन पर इस तरह का माल निकालते है। कोरोना के बाद से हाड़ौती शहरवासियों की दिनचर्या में बड़ा बदलाव आया है। व्यस्तता के बीच तैयार खाना पकाना मुश्किल होता जा रहा है।

ऐसे में लोग आसान विकल्प के रूप में पैक्ड फूड की ओर झुक गए हैं। दुकानों से लेकर सुपरमार्केट तक, हर जगह आकर्षक पैकिंग में यह फूड आइटम ग्राहकों को लुभाते हैं। इन आकर्षक पैकिंग के पीछे कई बार खतरे छिपे होते हैं। एक्सपायरी डेट निकलने के बावजूद ये सामान बेचे जा रहे हैं और ग्राहक विश्वास और भरोसे के साथ बिना जांचे इन्हें खरीद भी रहे हैं। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी (सीएमएचओ) कार्यालय की ओर से समय-समय पर जांच अभियान चलाए जाते हैं। कई बार इन जगहों पर नमूने लेकर कार्रवाई भी की गई है।

हाल ही में स्वास्थ्य विभाग की टीम ने शहर के कुछ बड़े मॉल और स्टेशनों व दशहरा मेला में अभियान चलाया था, जहां कई जब्त की तथा कुछ को नष्ट भी करवाया, लेकिन, अफसरों की कार्रवाई के कुछ दिनों बाद ही फिर से पुराने हालात लौट आते हैं। विक्रेता नए नाम से, नए ब्रांड के साथ वही गलती दोहराते हैं। एक स्थानीय रामूलाल ने बताया कि हम रोजाना बच्चों के लिए बिस्किट और नूडल्स लेते हैं, पर कभी एक्सपायरी डेट देखने का ध्यान नहीं देते।

पिछले दिनों घर लाए ओट्स पैकेट में अजीब गंध आ रही थी, तब जाकर देखा तो उसकी एक्सपाइरी तारीख तो सालभर पहले ही निकल चुकी थी। वहीं दुकानदारों का कहना है कि कंपनियों से जो स्टॉक आता है, उसमें कई बार पुराना माल भी शामिल होता है। व्यवस्ता के कारण हमें भी कई बार जानकारी नहीं मिल पाती है। कुछ विक्रेता तो साफ तौर पर कहते हैं कि हम तो जो सप्लायर देता है, वही बेचते हैं। ग्राहक को भी चाहिए वो इन चीजों का ध्यानपूर्व चेक करने के बाद ही लें।

ऐसे में सवाल उठता है कि आखिर जिम्मेदारी किसकी है। एक्सपायरी फूड सिर्फ स्वाद बिगाड़ता नहीं, बल्कि शरीर के लिए नुकसानदेह होता है। एक्सपायरी के बाद पैक्ड फूड में मौजूद तेल और संरक्षक रासायनिक रूप से बदलने लगते हैं। यह शरीर में विषाक्त प्रभाव डालते हैं, जिससे उल्टी, दस्त, एलर्जी, फूड पॉइजनिंग और लिवर तक प्रभावित हो सकता है।-डॉ. धर्मराज मीणा, अस्पताल अधीक्षक, एमबीएस कोटा। पिछले दीपावली पर हुई कार्रवाई के बाद अब विक्रेताओं में काफी सुधार देखने को मिल रहा है। विभाग की टीमें रोजाना अभियान चलाकर निरीक्षण कर रही हैं, जिससे लोगों में डर भी बना हुआ है।

फूड पैकेट्स में एक्सपायरी डेट मिलते ही उन्हें तुरंत मौके पर ही नष्ट करवाया जा रहा है। अभी भी विभाग की कार्रवाई लगातार जारी है। रेलवे स्टेशनों के बाहर स्थित दुकानों पर भी नियमित जांच की जा रही है। हाल ही में टीम खातौली, सुल्तानपुर और इटावा क्षेत्र में मावा की सूचना पर पहुंची थी और वहां आवश्यक कार्रवाई की गई।-डॉ. नरेन्द्र नागर, सीएमएचओ, कोटा।

यह करें उपभोक्ता- हर बार खरीदारी से पहले पैक पर तारीख अवश्य देखें।- खुला हुआ या टूटा पैकेट कभी न लें।- ठंडी और सूखी जगह पर रखे प्रोडक्ट को ही चुनें।- एक्सपायरी प्रोडक्ट मिलने पर तुरंत 1915 पर शिकायत दर्ज कराएं।- बच्चों के स्नैक्स में विशेष सावधानी बरतें, क्योंकि वे अधिक संवेदनशील होते हैं।

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