जयपुर। प्रदेश में न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर फसल बेचने के लिए किसानों द्वारा फर्जी दस्तावेजों के आधार पर पंजीकरण कराने के गंभीर मामले सामने आने के बाद सहकारिता विभाग सक्रिय हो गया है। विभाग ने बीकानेर, चूरू और जैसलमेर जिलों में व्यापक जांच के बाद हजारों की संख्या में संदिग्ध पंजीकरण निरस्त कर दिए हैं। इसके साथ ही 70 से अधिक ई-मित्र केंद्रों पर अनियमितताओं के चलते कार्रवाई की गई है। सहकारिता मंत्री गौतम कुमार दक ने बताया कि विभाग फर्जीवाड़े को लेकर शून्य सहनशीलता की नीति पर काम कर रहा है।
जहां भी गलत दस्तावेजों से पंजीकरण के मामले उजागर हो रहे हैं, वहां तत्काल प्रभाव से जांच कर सख्त कदम उठाए जा रहे हैं। मंत्री दक ने बताया कि संबंधित जिला कलेक्टरों को स्पष्ट निर्देश दिए गए हैं कि किसी भी स्थिति में फर्जी पंजीयन को स्वीकार न किया जाए और दोषी व्यक्तियों एवं ई-मित्र संचालकों पर नियमानुसार कार्रवाई सुनिश्चित की जाए। सरकार का कहना है कि यह कदम वास्तविक किसानों के हितों की रक्षा करने और खरीद प्रक्रिया को पारदर्शी बनाए रखने के उद्देश्य से उठाया गया है।
विभाग की इस कार्रवाई से एमएसपी खरीद व्यवस्था में फर्जीवाड़े पर प्रभावी रोक की उम्मीद जताई जा रही है।


