बालोतरा। बालोतरा साइबर सेल ने ऑपरेशन ब्लैक सिम के तहत एक अंतरराज्यीय गिरोह का खुलासा किया है, जिसने 50 हजार फर्जी सिम कार्ड जारी किए थे। पुलिस ने गिरोह के 10 सदस्यों को गिरफ्तार किया है और उनके पास से 19 मोबाइल फोन, 3 लैपटॉप और करोड़ों रुपए के लेनदेन से जुड़े दस्तावेज बरामद किए हैं। एसपी रमेश ने बताया कि गिरोह के सदस्य ग्राहकों से सिम एक्टिव करवाने के दौरान यह कहते थे कि अरे यार फेल्ड हो गया… और फिर उसी ग्राहक की जानकारी से दूसरी कंपनी की सिम भी एक्टिव कर लेते थे।
एक सिम ग्राहक को देते और दूसरी सिम खुद रखकर ब्लैक मार्केट में बेच देते थे। गिरोह का संचालन संदीप, विक्रम और लोकेश जाजोरिया कर रहे थे, जिनमें राहुल, मुकेश, मोहनगिरी, राकेश, नारायण और अन्य शामिल थे। मुख्य सरगना लोकेश जाजोरिया जयपुर का निवासी है, जिसके पास 7 महंगे मोबाइल, बुलेट और लग्जरी बाइकें मिली हैं। गिरोह के सदस्य विभिन्न जिलों जैसे बालोतरा, पचपदरा, बूंदी, करौली, टोंक, सवाई माधोपुर, धौलपुर और जयपुर से जुड़े थे। साइबर टीम ने मानव और तकनीकी सूचनाओं के संयोजन से गिरोह की गतिविधियों का पता लगाया।
आरोपियों ने हजारों फर्जी सिम कार्डों को डाक और परिवहन के माध्यम से अन्य जिलों में भेजा था। जांच में खुलासा हुआ है कि इन फर्जी सिमों का उपयोग साइबर ठगी, मादक पदार्थ तस्करी, अवैध शराब कारोबार और अन्य संगठित अपराधों में किया जा रहा था। साइबर एक्सपर्ट की राय है कि फर्जी सिम कार्ड साइबर अपराधों की रीढ़ हैं, क्योंकि बिना वैध सिम नेटवर्क के ऑनलाइन ठगी या रिमोट ऑपरेशन संभव नहीं है। इस कार्रवाई से अंतरराज्यीय अपराध नेटवर्क पर बड़ा असर पड़ेगा और कई आपराधिक गतिविधियों में गिरावट आएगी।


