महाराष्ट्र में कृषि ऋण माफी की मांग को लेकर चल रहे किसान आंदोलन ने महायुति सरकार की समस्याएं बढ़ा दी हैं। पूर्व विधायक बच्चू कडू के नेतृत्व में ‘महा एल्गार मोर्चा’ के तहत हजारों किसान नागपुर के पास राष्ट्रीय राजमार्ग-44 पर इकट्ठा हो गए, जिससे 20 किलोमीटर लंबा ट्रैफिक जाम लग गया। यह आंदोलन सोमवार को अमरावती जिले के चंदूरबाजार से शुरू होकर वर्धा होते हुए मंगलवार शाम नागपुर पहुंचा।
कडू ने कहा कि सरकार ने चुनाव से पहले पूर्ण ऋण माफी का वादा किया था, लेकिन अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई, जबकि हर रोज 12 किसान आत्महत्या कर रहे हैं। मुंबई उच्च न्यायालय ने बुधवार को प्रदर्शनकारियों को शाम 6 बजे तक हाईवे खाली करने का सख्त निर्देश दिया। न्यायमूर्ति रजनीश व्यास की पीठ ने मीडिया रिपोर्ट्स के आधार पर स्वतः संज्ञान लेते हुए कहा कि सार्वजनिक सड़क का अवरोध नागरिकों के मौलिक अधिकारों का उल्लंघन है, खासकर जब एम्बुलेंस, पुलिस वाहन और नागपुर हवाई अड्डा प्रभावित हो रहा हो।
अदालत ने पुलिस को प्रदर्शनकारियों को शांतिपूर्वक हटाने और ट्रैफिक बहाल करने का आदेश दिया, साथ ही नागपुर पुलिस आयुक्त को गुरुवार सुबह अनुपालन रिपोर्ट सौंपने को कहा। यदि सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचा तो कडू और उनके समर्थकों पर कड़ी कार्रवाई होगी। उच्च न्यायालय के आदेश के बाद राज्य मंत्री पंकज भोयर और आशीष जायसवाल ने किसानों से बातचीत की, जिसमें मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस का संदेश दिया गया। लंबी चर्चा के बाद कडू ने सहमति जताई कि प्रदर्शनकारी हाईवे खाली कर पास के मैदान में शिफ्ट हो जाएंगे।
कडू ने कहा कि हम अदालत का अपमान नहीं करना चाहते, लेकिन किसानों की पीड़ा पर न्यायालय ने संज्ञान नहीं लिया। उन्होंने पुलिस को चेतावनी दी कि यदि जरूरी हुआ तो सभी को गिरफ्तार कर लें। आंदोलन में किसान नेता राजू शेट्टी भी शामिल हैं। ऋण माफी सहित 22 मांगे बुधवार शाम को कडू ने फोन पर फडणवीस से बात की और गुरुवार शाम 7 बजे मुंबई में उनसे मिलने का फैसला किया। कडू ने उम्मीद जताई कि बैठक में ऋण माफी सहित 22 मांगों पर सकारात्मक निर्णय होगा, अन्यथा नागपुर लौटकर आंदोलन की नई रणनीति तय की जाएगी।
मांगों में एमएसपी पर 20% सब्सिडी, ग्रामीण परिवारों को 5 लाख की सहायता, विकलांगों व विधवाओं को 6 हजार मासिक भत्ता, चरवाहों व मछुआरों के लिए अलग नीतियां और गन्ने का उचित मूल्य शामिल हैं। सीएम फडणवीस ने कहा कि सरकार किसानों के प्रति सकारात्मक है और संवाद से समाधान निकलेगा।

