नई दिल्ली। अमेरिका से कोई ‘कुट्टी’ थोड़े ही गई है! विदेश मंत्री एस जयशंकर ने शनिवार को यहां एक टेलीविजन चैनल के एक परिचर्चा कार्यक्रम में एक सवाल के जवाब में ये बात कही। बातचीत के दौरान पूछे गए सवाल, क्या अब भी जबकि अब अमेरिका से व्यापार वार्ता के लिए आने वाला दल अब नहीं आ रहा है। इस पर विदेश मंत्री ने कहा कि कोई कुट्टी थोड़े ही हुई। वार्ताकार दल की यात्रा स्थगित होने का मतलब यह थोड़े है कि हमारी बातचीत बंद हो गई है।
व्यापार के क्षेत्र में वर्तमान में उठे मुद्दे को लेकर अन्य क्षेत्रों में अमेरिका के साथ सहयोग के संबंध बरकरार है। उन्होंने कहा कि व्यापार के मामले में भारत की सरकार के रूप में अपने देश के किसानों और छोटे उत्पादकों के हित हमारे लिए ‘ लक्षमण रेखा है।’ इस पर हम कोई समझौता नहीं करेंगे। पाक के साथ मुद्दों पर तीसरे देश की मध्यस्थता मंजूर नहीं।
उन्होंने कहा कि इसी तरह रणनीतिक स्वायत्तता के मामले में भारत की पिछली 50 साल की यही नीति रही है कि हमें पाकिस्तान के साथ मुद्दों को लेकर किसी तीसरे देश की मध्यस्थता मंजूर नहीं। इस समय जो लोग हमारी आलोचना कर रहे हैं उनसे मेरा उल्टा सवाल है कि क्या हम किसानों के हित को छोड़ दे, क्या हम अपनी रणनीति स्वायत्तता को छोड़ दें। ट्रम्प का दुनिया में व्यवहार अलग-अलग। यह पूछे जाने पर कि क्या यह अजीब नहीं है कि अमेरिका भारत जैसे एक रणनीतिक भागीदार पर राष्ट्रीय सुरक्षा के बहाने आयात शुल्क लगा रहा है?
विदेश मंत्री का कहना था कि शुल्क की घोषणा तो दूर अमेरिका ने इससे पहले सार्वजनिक बयानों के जरिये विदेश नीति का संचालन नहीं किया। ट्रम्प अपने देश और बाहरी दुनिया के साथ जिस ढंग से व्यवहार कर रहे हैं वह अलग ही है।