एक पिता को अपने बेटे की मौत का पता घर पहुंचने पर चला

Tina Chouhan

जयपुर। कई बार ऐसी घटनाएं हो जाती हैं, जिससे आदमी हक्का-बक्का रह जाता है। ऐसी ही एक घटना बांसवाड़ा जिले में हुई, जब जेफरीन नाम का एक व्यक्ति शव को अस्पताल में रखवा कर घर पहुंचा, तो पता चला कि वह शव उसके बेटे का ही था। खबरों के अनुसार बांसवाड़ा के सदर थाना इलाके में भगतपुरा गांव के पास पेट्रोल पंप के सामने बुधवार रात करीब साढ़े नौ बजे तेज रफ्तार दो मोटर साइकिलों में आमने-सामने की भिड़ंत हो गई। हादसे में तीन युवकों की मौत हो गई और दो गंभीर घायल हो गए।

हादसें के बाद मौके पर काफी भीड़ जुट गई। लोग मदद करने लगे। इनमें जेफरीन नाम का एक शख्स ऐसा भी था, जिसके बेटे की इस हादसे में मौत हो गई, लेकिन वह इससे बेखबर था। शवों को अस्पताल पहुंचाया, लेकिन पहचान नहीं पायाहादसे के बाद भगतपुरा गांव के समाजसेवी हरिश्चंद्र कलाल गंभीर घायलों को हॉस्पिटल ले जाने के लिए अपनी गाड़ी में चढ़ा रहे थे। इस दौरान वहां मौजूद स्थानीय निवासी 40 वर्षीय जेफरीन भी घायलों को गाड़ी में चढ़ाने में उनकी मदद कर रहे थे। हरिश्चंद्र और जेफरीन घायलों को लेकर हॉस्पिटल पहुंचे।

वहां दोनों घायलों को भर्ती कराया। इस भीषण हादसे में जेफरीन के 17 साल के बेटे ऐरोन की भी मौत हो गई, लेकिन उन्हें इसकी जानकारी नहीं थी। घायलों को भर्ती कराने के बाद तुरंत एम्बुलेंस में तीनों युवकों के शव भी हॉस्पिटल लाए गए। जेफरीन ने शवों को एम्बुलेंस से उतारने में भी मदद की। शव लहूलुहान हालत में होने के कारण जेफरीन अपने बेटे को पहचान नहीं पाए।

घर पहुंचने पर बेटे की मौत का पता चलाइसके बाद घर लौटने पर जेफरीन को इसी सड़क हादसे में अपने बेटे की मौत होने का पता चला तो वे हक्का-बक्का रह गए। उनका रो रोकर बुरा हाल हो गया। इस हादसे में ऐरोन के साथ ही पलोदरा निवासी रमेश कटारा (30) पुत्र कोदर कटारा और खोमा चरपोटा (32) पुत्र बबला चरपोटा की मौके पर ही मौत हो गई थी। वहीं सेनावासा निवासी वीरेंद्र प्रजापत (25) और पलोदरा निवासी रामा (30) पुत्र गौतम दायमा गंभीर घायल हो गए।

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