कृषि पर्यवेक्षकों की मौजूदगी में ही हो खाद वितरण

Tina Chouhan

कोटा। जिले में रबी सीजन की बुवाई के दौर में खाद की मांग तेजी से बढ़ गई है। इस स्थिति में किसानों को खाद की कमी का सामना करना पड़ रहा है। ऊर्जा मंत्री हीरालाल नागर ने इस समस्या को गंभीरता से लेते हुए निर्देश दिए हैं कि किसानों को खाद का वितरण केवल कृषि पर्यवेक्षक और राजस्व अधिकारियों की उपस्थिति में किया जाए। मंगलवार रात को कनवास क्षेत्र के विभिन्न गांवों में रात्रि चौपाल का आयोजन किया गया। सर्द रात के बावजूद बड़ी संख्या में ग्रामीणों ने अपनी समस्याओं को साझा किया।

ग्रामीणों की शिकायतों पर मंत्री नागर ने खाद की उपलब्धता सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। रात्रि चौपाल के दौरान किसानों ने खाद न मिलने और विक्रेताओं द्वारा कालाबाजारी की शिकायत की। किसानों ने आरोप लगाया कि विक्रेता तय कीमत से अधिक वसूल रहे हैं। इस पर मंत्री नागर ने कृषि विभाग के संयुक्त निदेशक अतीश कुमार शर्मा से फोन पर बात की। उन्होंने निर्देश दिए कि प्राइवेट और अन्य खाद विक्रेताओं के सभी स्टॉक को रोककर आगे से खाद का वितरण कृषि पर्यवेक्षक और राजस्व अधिकारियों की उपस्थिति में ही किया जाए।

उन्होंने कहा कि केवल खाद की बिक्री होनी चाहिए, ताकि किसानों की समस्या का समाधान हो सके। इस मामले को दैनिक नवज्योति ने 3 नवंबर को प्रमुखता से उठाया था। समाचार में बताया गया था कि हाल की बारिश के कारण खेतों में नमी आने से रबी फसलों की बुवाई तेजी से शुरू हो गई है। मौसम अनुकूल होते ही किसानों ने खाद और बीज की खरीदारी शुरू कर दी है, जिससे सहकारी समितियों और निजी विक्रेताओं के पास खाद की मांग अचानक बढ़ गई है।

मांग बढ़ने से कई स्थानों पर खाद की किल्लत जैसी स्थिति उत्पन्न हो गई है। किसानों को सुबह से ही खाद लेने के लिए समितियों के बाहर लंबी कतारों में लगना पड़ रहा है।

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