अजमेर। संभाग के सबसे राजकीय जवाहरलाल नेहरू चिकित्सालय की ओपीडी में दवा काउण्टरों और नेत्र रोग विभाग के बीच स्थित बिजली के कंट्रोल पैनल में सोमवार दोपहर अचानक आग लग जाने से बिजली गुल हो गई और वहां मौजूद लोगों में अफरा-तफरी मच गई। पैनल से धुंआ उठता देखकर कई लोग बाहर निकल गए। घटना की इत्तला मिलते ही मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य एवं नियंत्रक डॉ. अनिल सामरिया चिकित्सकों के दल सहित मौके पर पहुंचे और पीडब्लूडी के इले्ट्रिरक विंग अभियंताओं को तुरंत मौके पर बुलवाकर आग पर काबू पाया।
बाद में उन्होंने चिकित्सालय के इस तरह के कई बिजली पैनलों की स्थिति की खुद जांच-पड़ताल की। घटना सोमवार दोपहर करीब 12 बजे हुई। उस समय चिकित्सालय के आउटडोर तथा दूसरी ओर नेत्र रोग विभाग के आउटडोर में मरीजों व उनके परिजन की भीड़ के साथ दवा काउण्टरों पर भी लोगों की भारी भीड़ लगी हुई थी। ऐसे में इन दोनों के बीच के परिसर में स्थित कोने में लगे बिजली के पैनल में तेज धमाका हुआ और धुंआ निकलने लगा। धमाके की आवाज सुनकर सभी सहम गए। फिर आग लगने की अफवाह फैलते ही वहां अफरा-तफरी मच गई।
भगदड़ सी मचने लगी। कई लोग चिकित्सालय से बाहर निकलकर परिसर में पहुंच गए। किसी हादसे की आशंकावश चिकित्सक एवं स्टाफ भी अपने कमरों से बाहर निकल आए। कबूतर की वजह से शॉर्ट सर्किटइले्ट्रिरकल स्टाफ ने कंट्रोल पैनल को खोलकर देखा तो बताया कि उसमें एक कबूतर घुस गया था। जिसकी वजह से तारों में शॉर्ट सर्किट हुआ और कुछ तार जल गए थे। जिनमें से गाढ़ा धुंआ उठने लगा। इसी धुंए और इससे पहले हुए धमाके से लोग घबरा गए थे। डॉ. सामरिया एवं डॉ.
यादव ने लोगों को संयम बरतने के लिए कहा और पीडब्लूडी की टीम को तुरंत बिजली आपूर्ति बहाल करने के निर्देश दिए। जिस पर टीम ने उक्त कंट्रोल पैनल का कनेक्शन काट कर वैकल्पिक माध्यम से दोनों आउटडोर, नेत्र रोग विभाग के वार्ड एवं दवा काउण्टरों की बिजली आपूर्ति बहाल की। साथ ही जले हुए कंट्रोल पैनल के तारों की मरम्मत शुरू कर दी। बाकी पैनलों की ली सुधउसके पश्चात डॉ. सामरिया एवं उप अधीक्षक डॉ. यादव ने चिकित्सालय के अधिकांश बिजली कंट्रोल पैनलों की स्थिति खुद जाकर देखी और वहां की अव्यवस्थाओं को देखकर नाराजगी जताई।
कई जगह तो कंट्रोल पैनलों के बाहर चिकित्सालय में पानी की व्यवस्था के लिए रखी गई टंकियां टूट जाने के बाद पटकी हुई थीं। कहीं वृक्षों की लकड़ियां एवं सूखे पत्तों के ढेर लगे थे। इसके अलावा अन्य कबाड़ भी पड़ा हुआ था। इनमें से अधिकांश कंट्रोल पैनल चिकित्सालय के बंद दरवाजे के पीछे हैं। ऐसे में यदि वहां कोई अग्नि हादसा हो जाए तो ऊंची लपटें उठने के बाद ही घटना का पता चल सकेगा। डॉ. सामरिया के साथ संबंधित महकमों के अधिकारी व प्रभारी आदि भी मौजूद थे।
उन्होंने सभी को सभी कंट्रोल पैनलों के पास से कबाड़ हटवा कर साफ-सफाई कराने के निर्देश दिए।


