अहमदाबाद। भारत जल्द ही तेज रफ्तार यात्रा के नए युग में प्रवेश करने जा रहा है। देश की पहली बुलेट ट्रेन परियोजना – मुंबई-अहमदाबाद हाई स्पीड रेल कॉरिडोर न केवल यात्रा समय को घटाएगी बल्कि आर्थिक विकास और तकनीकी क्षमता में भी क्रांतिकारी बदलाव लाएगी। 508 किलोमीटर लंबे इस कॉरिडोर में 465 किमी वायडक्ट, 28 लोहे के पुल, और 25 नदी पुल शामिल हैं। परियोजना की सबसे खास विशेषता है 7 किमी लंबी समुद्र के नीचे सुरंग, जो भारत में पहली बार बनाई जा रही है। यह मार्ग 12 स्टेशनों से होकर गुजरेगा-गुजरात में 8 और महाराष्ट्र में 4।
यात्रा का समय भी इस परियोजना की सबसे बड़ी उपलब्धि है। पारंपरिक रेल यात्रा के मुकाबले जहां कई घंटे लगते हैं, वहीं यह बुलेट ट्रेन मुंबई से अहमदाबाद का सफर महज 2.07 घंटे (सीमित स्टॉप) में पूरा करेगी। निर्माण में जापान की शिंकानसेन जे-स्लैब बैलस्टलेस ट्रैक तकनीक का उपयोग हो रहा है, जो पहली बार भारत में लागू की जा रही है। साथ ही, ध्वनि प्रदूषण रोकने के लिए पुलों पर साउंड बैरियर भी लगाए जा रहे हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि यह परियोजना रोजगार सृजन, ग्रामीण-शहरी अर्थव्यवस्था के एकीकरण और भविष्य की हाई-स्पीड कनेक्टिविटी का मजबूत आधार बनेगी।
यह न केवल भारत के रेलवे नेटवर्क का कायाकल्प करेगी बल्कि देश की वैश्विक पहचान को भी नई उड़ान देगी।


